10.12 वैदिक बीजगणित (12.1) | बीजगणितीय सरल समीकरण हल करना | सरल वैदिक सूत्र (TYPE 01 to 04) शून्यम् साम्य-समुच्चये।
10.12 वैदिक बीजगणित (12.1) | बीजगणितीय सरल समीकरण हल करना | सरल वैदिक सूत्र (TYPE 01 to 04) शून्यम् साम्य-समुच्चये।
शून्यम् सूत्र
*शून्यम् साम्य-समुच्चये।*
जब समुच्चय एक समान हो तो उस समुच्चय का मान शून्य होता है।
समुच्चय एक तकनीकी शब्द है जिसका भिन्न संदर्भों में अर्थ भी भिन्न होता है।
*1. समुच्चय का प्रथम अर्थ
*उस पद से है जो सभी पदों में सार्वगुणनखंड के रूप में उपस्थित है।*
*2. समुच्चय का दूसरा अर्थ
*स्वतंत्र पदों के गुणनफल* से लगाया जाता है।
*3. समुच्चय का तीसरा अर्थ
*समान अंश वाले दो भिन्नों के हरों का योग * से लगाया जाता है।
*समान अंश वाले दो भिन्नों के हरों का अंतर * से भी लगाया जाता है।
*4. समुच्चय का चौथा अर्थ
*कुल योग * से लगाया जाता है।
Rule No. 1
* 1 यदि संपूर्ण समुच्चय में सार्वगुणन पद या Common पद हो तो सार्वगुणन पद = 0
4x + 6x = 2x + 3x
Then x = 0
How?
4x + 6x = 2x + 3x
4x + 6x – 2x – 3x = 0
10x – 5x = 0
6x = 0
x = 0/6
x = 0
Rule No. 2
कॉमन गुणनखंड ए समीकरणों के लिए
Four Common Factorial Equations
*2 दोनों पक्षों के स्वतंत्र अचर पदों का गुणनफल बराबर हो तो
x = 0
(x + 7)(x +9) = (x + 3)(x +21)
[7×9] = [3×21]
63 = 63
x = 0
Rule No. 3
यदि समीकरण के दो समान अंश वाले भिन्नों के हरों का योग शून्य होता है।
1 1
______ + _____ = 0 [8]
x + a x + b
हरों का योग = D1 + D2 = 0
(x + a) + (x + b) = 0
D1 + D2 = 0
(x + a) + (x + b) = 0
x + a + x + b = 0
2x + a + b = 0
2x = – a – b
x = – (a + b)/2
जैसे
(1)
1 1
______ + _______ = 0 [2/5]
2x – 1 3x – 1
(हर -1) + (हर -2) = 0
( 2x – 1) + ( 3x – 1) = 0
2x – 1 + 3x – 1 = 0
5x – 2 = 0
5x = 2
x = 2/5
Q. 3. Solve The Following
(1)
1 1
______ + _____ = 0 [8]
x + 7 x + 9
(हर -1) + (हर -2) = 0
( x + 7) + ( x + o) = 0
x + u + x + 9 = 0
2x + 16 = 0
2x = –16
x = –16/2
x = –8
(2)
1 1
______ + _____ = 0 [8]
x + 6 x + 10
(3)
1 1
______ + _____ = 0 [17/2]
x – 8 x – 9
(4)
1 1
______ + _____ = 0 [17/2]
x – 5 x – 12
(5)
1 1
______ + _____ = 0 [–1]
x + 11 x – 9
(6)
1 1
______ + _____ = 0 [–1]
x + 9 x – 7
(7)
1 1
______ + _____ = 0 [1]
x + 4 x – 6
(8)
5 5
______ + _____ = 0 [–2]
3 x + 3 3x + 8
(9)
m m
______ + _____ = 0 [–1]
2x + 1 3x + 4
Rule No. 4.1
कुल योग
यदि दोनों पक्षों के अंशों तथा हरों का योग अलग अलग बराबर हो या किसी अनुपात में हो तो
अंशों या हरों के योग का मान शून्य मान लिया जाता है।
अंशों का योग = हरों का योग = 0
N1 + N2 = D1 + D2 = 0
N1 + N2 = 0
अथवा
D1 + D2 = 0
x + 9 x + 7 => 2x+16
______ = _____
x + 7 x + 9 => 2x+16
Now
=> 2x+16 = 0
=> 2x = –16
=> x = –16/2
=> x = –8
(1)
2x + 9 2x + 7
______ = _____ [ –4]
2x + 7 2x + 9
(2)
2x + 7 2x + 9
______ = _____ [ –2]
2x + 9 2x + 7
(3)
3x + 5 3x + 7
______ = _____ [ –2]
3x + 7 3x + 5
(4)
3x + 7 3x + 5
______ = _____ [ –2]
3x + 5 3x + 7
(5)
5x + 9 5x + 11
______ = _____ [ –2]
5x + 11 5x + 9
(6)
5x + 11 5x + 9
______ = _____ [ –2]
5x + 9 5x + 11
(7)
3x + 4 5x + 6
______ = _____ [ –5/4]
6x + 7 2x + 3
(8)
6x + 7 2x + 3
______ = _____ [ –5/4]
2x + 3 5x + 3
(9)
2x + 3 2x + 5
______ = _____ [ –2]
2x + 5 2x + 3
Rule No. 4.2
कुल योग
यदि बीजगणितीय योग में कोई गुणज काॅमन हो तो उसका विलोप कर देते हैं।
हर योग = अंश योग = 0
सूत्र => हर योग या अंश योग = 0
हरों का योग = 0
(हर -1) + (हर -2) = 0
जैसे
4x + 5 4x + 5
_______ = _________
8x + 10 2(4x + 5)
4x + 5 4x + 5
_______ = _______
8x + 10 4x + 5
Now
=> 4x+5 = 0
=> 4x = –5
=> x = –5/4
Rule No. 4.1
*यदि दोनों पक्षों के अंश व हर का अंतर बराबर हो यह किसी अनुपात में हो तो अंतर का मान शून्य होता है।*
अंश¹ व हर¹ का अंतर = अंश² व हर² का अंतर = 0
सूत्र –> अंशों का अंतर या हरों का अंतर = 0
विलोमत:
अंश व हर का अंतर = 0
(अंश व हर) – (अंश व हर) = 0
(1)
3x + 4 x – 8
_______ = ______
2x + 1 2x – 5
N1 – D1 = 0
(3x + 4)–(2x + 1) = 0
3x + 4 – x – 1 = 0
x + 3 = 0
N2 – D2 = 0
(x – 8)–(2x – 5) = 0
x – 8 – 2x + 5 = 0
– x – 3 = 0
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