01.09. बीजांक या मूलांक या आंकिक योग के अनुप्रयोग

9. बीजांक या मूलांक या आंकिक योग के अनुप्रयोग

आंकिक योग का शाब्दिक अर्थ है--- 'अंको का योग' । अर्थात किसी संख्या के अंकों का योग उस संख्या का आंकिक योग  कहलाता है। 
यह हमेशा केवल एक ही अंक का होता है और यदि यह एक से अधिक अंक का प्राप्त होता है तो उन अंकों को फिर से जोड़कर एक अंक का बना लिया जाता है। इसे हम बीजांक या मूलांक के नाम से भी जानते हैं।

हम यहाँ पर 'बीजांक' शब्द का प्रयोग करेंगे।

बीजांक के उपयोग

जैसा की हमने पहले भी बताया कि जोड़,घटाव, और गुणा, इन तीनों संक्रियाओं में बीजांक के द्वारा हम परिणाम की सत्यता की जाँच कर सकते हैं।

(1) जोड़ की सत्यता की जांच करना।

(i) आइए जोड़ की सत्यता की जांच करें।
      9  8          →9+8=17=>1+7=8
   + 8  7          →8+7=15=>1+5=6
      185                        8 + 6 = 14= 5
1+8+5=14=1+4=5 

(ii) आइए जोड़ की सत्यता की जांच करें।
      3  4   5       →3+4+5=12=>1+2=3
      6  7   8       →6+7+8=21=>2+1=3  
   + 8  9   8       →8+9+8=25=>2+5=7
    19  2   2           3 + 4 +7 = 14= 5
1+9+2+2=14=1+4=5 

(2) घटाने की सत्यता की जांच करना।

(i) आइए घटाने की सत्यता की जांच करें।
      9  8          →9+8=17=>1+7=8
   – 8  7          →8+7=15=>1+5=6
      1  1                        8 – 6 = 2
   1+1= 2 

(ii) आइए घटाने की सत्यता की जांच करें।
      3  4  5  6  →3+4+5+6=18=>1+8=9 
   – 1  3  3 4   →1+3+3+4=11=>1+1=2
      2  1  2  2              9–2=7
  2+1+2+2 = 7 


(3) गुणा की सत्यता की जांच करना।

(i) आइए गुणा की सत्यता की जांच करें।
  
   5  6.     →5+6=11=>1+1=2
x 5  3.     →5+3=8.               
2968             2x8 =16=>1+6=7
2+9+6+8=25=>2+5=7

(ii) आइए गुणा की सत्यता की जांच करें।
   6  5.     →6+5=11=>1+1=2
x 8  2.     →8+2=10=>1+0=1.               
4810                       2x1 =2
4+8+1+0=13=>1+3=4

चूंकि  LHS=1 x 2 =2.  RHS=4.  यहाँ पर दोनों पक्ष एकसमान नहीं हैं इसलिए यह स्पष्ट रूप में कहा जा सकता है कि गुणा गलत है।

(लेकिन यदि यहाँ LHS=RHS बीजांक होता तो यह संभव है की गुणा सही है)


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