वैदिक गणित का छठा सूत्र:👉 “यावदूनम् तावदूनिकृत्य वर्गं च योजयेत्”

बिलकुल! आइए अब हम वैदिक गणित के छठे सूत्र को विस्तार से समझते हैं — सरल भाषा में, उदाहरणों के साथ और यह भी जानेंगे कि इसका प्रयोग कहां-कहां होता है।


वैदिक गणित का छठा सूत्र:

👉 “यावदूनम् तावदूनिकृत्य वर्गं च योजयेत्”

(Yāvadūnam Tāvadūnīkṛtya Vargaṁ Cha Yojayet)


🔷 1. शब्दार्थ और सरल अर्थ:

  • यावदूनम् = जितना कम है (दशमलव या 10, 100, 1000 आदि से)
  • तावदूनिकृत्य = उतना घटा दो
  • वर्गं च योजयेत् = उसके कमी का वर्ग जोड़ दो

🎯 सीधे शब्दों में:

"किसी संख्या को 10, 100, 1000 जैसे पूर्णांक आधारों से जितना कम है, उतना उससे घटा दो और उस कमी का वर्ग संख्याके साथ जोड़ दो।"


🔶 2. यह सूत्र कब उपयोगी है?

यह सूत्र तब बहुत उपयोगी होता है जब हमें ऐसी संख्याओं का वर्ग (square) निकालना हो जो 10, 100, 1000 आदि के थोड़े कम हों।
जैसे:

  • 9 (10 से 1 कम)
  • 97 (100 से 3 कम)
  • 998 (1000 से 2 कम)

🔷 3. सूत्र को एकदम आसान तरीके से समझिए – उदाहरणों के साथ


📘 उदाहरण 1:

97² = ?

97 → 100 से 3 कम → यानी यावदूनम् = 3

Step 1:
97 − 3 = 94

Step 2:
3² = 09 (2 अंकों में)

✅ उत्तर = 9409


📘 उदाहरण 2:

96² = ?

96 → 100 से 4 कम → यावदूनम् = 4

Step 1:
96 − 4 = 92

Step 2:
4² = 16

✅ उत्तर = 9216


📘 उदाहरण 3:

998² = ?

998 → 1000 से 2 कम → यावदूनम् = 2

Step 1:
998 − 2 = 996

Step 2:
2² = 04 (3 अंकों में: 004)

✅ उत्तर = 996004

(क्योंकि आधार 1000 है → इसलिए 3 अंकों में वर्ग लिखते हैं)


🔷 4. इस सूत्र का प्रयोग कहां-कहां होता है?

1. मानसिक गणना में:

आप बड़ी संख्याओं का वर्ग दिमाग से कर सकते हैं — जल्दी और सटीक।

2. प्रतियोगी परीक्षाओं में:

SSC, Banking, Railway, UPSC जैसी परीक्षाओं में समय बचाने के लिए यह फार्मूला अमूल्य है।

3. स्कूल की गणित में:

क्लास 8 से लेकर 12 तक, जहां भी squaring आता है, वहां यह ट्रिक आसान बनाती है।

4. गणितीय अभिरुचि और खेल में:

यह सूत्र बच्चों में गणित के प्रति रुचि और उत्साह को बढ़ाता है।


🔷 5. और उदाहरण (खुद की कोशिश के लिए):

  1. 89² = ?
  2. 94² = ?
  3. 999² = ?
  4. 95² = ?
  5. 98² = ?

(चाहें तो हल पूछ सकते हैं या खुद कोशिश करें)


🔷 6. इस सूत्र की खास बातें:

  • यह बहुत तेज़ और आसान है
  • कोई लंबी गुणा नहीं करनी पड़ती
  • हर बार सिर्फ घटाना और वर्ग जोड़ना होता है
  • याद रखने के लिए कोई भारी-भरकम फ़ॉर्मूला नहीं

🔚 निष्कर्ष (Conclusion):

“यावदूनम् तावदूनिकृत्य वर्गं च योजयेत्” वैदिक गणित का एक अद्भुत सूत्र है जो संख्याओं के वर्ग निकालने को बहुत सरल बना देता है, खासकर जब संख्या 10, 100 या 1000 से थोड़ी ही कम हो।


क्या आप चाहेंगे कि मैं इसी सूत्र का विपरीत रूप (यानी जो संख्या थोड़ी अधिक हो आधार से) — जैसे 103, 1007 — का भी तरीका समझाऊँ?
या फिर अगले (सातवें) सूत्र पर बढ़ें?

बहुत अच्छे! आपने कहा कि हम “यावदूनम्…” सूत्र के विपरीत रूप को भी समझें — यानी जब कोई संख्या अपने आधार (जैसे 10, 100, 1000) से थोड़ी अधिक हो, तब उसका वर्ग कैसे निकाला जाए।


🔁 “यावदूनम्…” सूत्र का विस्तार: आधार से अधिक संख्या का वर्ग

🔷 सूत्र वही रहेगा:

"यावदूनम् तावदूनिकृत्य वर्गं च योजयेत्"
लेकिन अब हम इसका उपयोग अधिक संख्या (base से ज़्यादा) के लिए करेंगे।


📌 मुख्य विचार:

अगर संख्या आधार (जैसे 100) से ज़्यादा है, तो:

  • जितना अधिक है, उतना संख्या में जोड़ दो
  • और उसका वर्ग बगल में जोड़ो

यानी:
(संख्या + जितना अधिक) | (अधिक का वर्ग)


📘 उदाहरण 1:

103² = ? (100 से 3 अधिक)

Step 1:

103 + 3 = 106

Step 2:

3² = 09

✅ उत्तर = 10609


📘 उदाहरण 2:

107² = ?

107 → 100 से 7 अधिक

  • Step 1: 107 + 7 = 114
  • Step 2: 7² = 49

✅ उत्तर = 11449


📘 उदाहरण 3:

1003² = ?

1003 → 1000 से 3 अधिक

  • Step 1: 1003 + 3 = 1006
  • Step 2: 3² = 009 (क्योंकि 3 अंकों में लिखना होगा)

✅ उत्तर = 1006009


📘 उदाहरण 4:

112² = ?

112 → 100 से 12 अधिक

  • Step 1: 112 + 12 = 124
  • Step 2: 12² = 144

✅ उत्तर = 12444


🧠 याद रखने की Trick:

जब संख्या आधार से कम हो → घटाना और वर्ग जोड़ना
जब संख्या आधार से अधिक हो → जोड़ना और वर्ग जोड़ना


🔄 तुलना उदाहरण:

संख्या आधार कितनी कम/अधिक प्रक्रिया उत्तर
97 100 3 कम 97 - 3 = 94, 3² = 09 9409
103 100 3 अधिक 103 + 3 = 106, 3² = 09 10609

🔷 प्रयोग कहाँ होता है?

  • बड़ी संख्याओं के वर्ग निकालने में
  • प्रतियोगी परीक्षाओं में समय बचाने के लिए
  • मानसिक गणना में
  • तेज़ कैलकुलेशन के लिए (बिना काग़ज़ के)
  • बच्चों की गणितीय सोच विकसित करने में

🔖 अभ्यास के लिए कुछ प्रश्न:

  1. 101² = ?
  2. 106² = ?
  3. 111² = ?
  4. 1007² = ?
  5. 1002² = ?

चाहें तो मैं इनका उत्तर भी दे सकता हूँ।


अब बताइए —
👉 क्या मैं इन अभ्यास सवालों के उत्तर दूँ,
या
👉 अगला (सातवां) वैदिक गणित सूत्र विस्तार से शुरू करूँ?


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