10. रेखांक, रेखांकित अंक, ऋणात्मक अंक या विनकुलम
रेखांक– रेखांक एक ॠणात्मक अंक होता हैं, जिसे उसके ऊपर रेखा खींच कर व्यक्त करते हैं।
Rekhank :–Rekhank is a negative number or a digit with a bar on its top, this bae is used to show a negative number.
वैदिक गणित को सीखने के लिए विनकुलम् के सिद्धांतों को जानना बहुत ही आवश्यक है। विनकुलम् को वैदिक गणित में रेखांक, रेखांकित अंक या ऋणात्मक अंक के नाम से भी जाना जाता है।
वर्तमान में गणित में संकलन, व्यावकलन, गुणा और भाग में एक ही समय में केवल धनात्मक संख्याओं का प्रयोग किया जाता है अर्थात उसके सभी अंक धनात्मक होते हैं।
इस प्रकार हम कह सकते हैं की वैदिक गणित में हम निम्न अंकों का ही उपयोग करते हैं जैसे 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6 या –4, 7 या –3 , 8 या –2, 9 या –1 आदि।
जैसे –* एक अंक की संख्या 7 अंक धनात्मक हैं।
* दो अंक की संख्या 75 के सभी अंक धनात्मक हैं।
* तीन अंक की संख्या 785 के सभी अंक धनात्मक हैं।
इसी प्रकार बड़ी संख्या संख्य 8273505 के सभी अंक धनात्मक हैं।
वैसे तो वैदिक गणित में 0 से 9 तक सभी अंकों का उपयोग होता है, परंतु अपनी सुविधा और कुछ गणनाओं को सुलभ बनाने के लिए हम इन्हें 5 या 5 से छोटे अंक या संख्याओं के रूप में ही लेते हैं। अर्थात इन गणनाओं में बड़े अंकों 6, 7, 8, 9 का प्रयोग नहीं किया जाता है।
अंक 6, 7, 8, 9 को छोटे अंकों में परिवर्तित करने की प्रक्रिया में हमें ऋणात्मक अंक प्राप्त होते हैं। साथ ही वैदिक गणित में धनात्मक एवं ऋणात्मक दोनों प्रकार के अंकों का प्रयोग किया जाता है।
वैदिक गणित में प्रयुक्त होने वाली संख्याओं के सभी अंक 5 या 5 से छोटे रखे जाते हैं
वैदिक गणित ( Vedic Mathematics ) में संख्याओं के अंकों को ऋणात्मक रूप में लिखने को विनकुलम् कहते हैं। वैदिक गणित में ऋणात्मक अंक ( –2 ) को, अंक 2 के ऊपर ऋणात्मक चिह्न लगाकर याा बार चिन्ह द्वारा व्यक्त किया जाता है।
जो ( –2 ) का विनकुलम् अंक या
वैदिक गणित में प्रयुक्त होने वाली संख्याओं में सभी अंक 5 या 5 से छोटे रखे जाते हैं। अतः संख्या में जो भी अंक 5 से बड़े ( 6, 7, 8, 9 ) होते हैं, उन सभी ( 6, 7, 8, 9 ) अंकों के स्थान पर उनके विनकुलम् अंक रख देते हैं।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि वैदिक गणित में हम गणना को छोटा वह सरल बनाने के लिए शून्य सहित प्राकृतिक अंकों के साथ साथ विनकुलम अंकों का उपयोग करते हैं । इस प्रकार वैदिक गणित में केवल 14 प्रकार के अंगो का ही उपयोग किया जाता है। जो निम्न हैं → 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6 या –4, 7 या –3 , 8 या –2, 9 या –1 आदि।
किसी अंक का विनकुलम् ज्ञात करना :
5 से बड़े जिस अंक का विनकुलम् ज्ञात करना हो तो उसका ’10 से विचलन’ ज्ञात कर लेते हैं। इस प्रकार जो ऋण आत्मक अंक आताा हैउसी को हम उस संख्या का विनकुलम अंक कहते हैं।
उदाहरण –
अंक 6 का 10 से विचलन = 6 – 10 = –4
अंक 6 का विनकुलम् =
* अंक 7 का विनकुलम् ज्ञात करना।
अंक 7 का 10 से विचलन = 7 – 10 = –3
अंक 7 का विनकुलम् =
* अंक 8 का विनकुलम् ज्ञात करना।
अंक 8 का 10 से विचलन = 8 – 10 = –2
अंक 8 का विनकुलम् =
इसी प्रकार,
* अंक 9 का विनकुलम् ज्ञात करना।अंक 9 का 10 से विचलन = 9 – 10 = –2
अंक 9 का विनकुलम् =
अंक 6 का विनकुलम् =
अंक 7 का विनकुलम् =
अंक 8 का विनकुलम् =
अंक 9 का विनकुलम् =
विनकुलम् संख्याएँ :
वे संख्याएँ जिनमें धनात्मक तथा ऋणात्मक दोनों प्रकार के अंक प्रयुक्त होते हैं, विनकुलम् संख्याएँ कहलाती हैं।
निखिलम् सूत्र के द्वारा सामान्य संख्याओं को आसानी से विनकुलम संख्या में बदला जा सकता है। :
निखिलम सूत्र है
निखिलम नवत: चरमं दशत: ।
अर्थात
‘प्रत्येक अंक को 9 में से तथा अंतिम दाएँ अंक (इकाई) को 10 में से घटाओ।’
इस सूत्र की सहायता से सामान्य संख्याओं को विनकुलम् संख्याओं में आसानी से बदल सकते हैं।
अभ्यास 1
साधारण संख्या को विनकुलम् संख्या में बदलना :
किसी संख्या को विनकुलम् के रूप में लिखने के लिए उस संख्या में आने वाले 5 से बड़े अंकों को उनके विनकुलम् अंकों में बदल देते हैं। 5 से छोटे अंकों को ज्यों का त्यों लिखते हैं। अब भिन्न-भिन्न उदाहरणों के माध्यम से पूरी विधि को सीखेंगे –
2 अंकों के सामान्य अंको को विनकुलम अंको में बदलने के नियम।
नियम नंबर 1
संख्याओं को देखो तथा 5 से बड़े अंको को ब्रैकेट ( ) में लिखो।
नियम नंबर 2
यदि ब्रैकेट ( ) में केवल एक अंक है तो उसे 10 में से घटाओ और उससे आगे वाले अंक में 1 जोड़
प्रकार 1
जैसे
* 18 का विनकुलम लिखिए।
हल–
18 = 1(8) = 1(8–10) = •1 (–2)
= 2
* 27 का विनकुलम लिखिए।
हल–
27 = 2(7) = 2(7–10) = •2(–3) = 3
* 45 का विनकुलम लिखिए।
हल–
46 = 4(6) = 4(6–10) = •4(–4) = 5
प्रकार 2
* 89 का विनकुलम लिखिए।
हल–
089 = 0(89)
निखिलम नवत: चरमं दशत: नियम से।
= •0(8–9) (9–10)= 1(–1)(–1) = 1
* 76 का विनकुलम लिखिए।
हल–
076 = 0(76)
निखिलम नवत: चरमं दशत: नियम से।
= •0(7–9) (6–10)= 1(–2)(–4) = 1
3 अंकों के सामान्य अंको को विनकुलम अंको में बदलने के नियम।
नियम नंबर 1
संख्याओं को देखो तथा 5 से बड़े अंको को ब्रैकेट ( ) में लिखो।
नियम नंबर 2
यदि ब्रैकेट ( ) में केवल एक अंक है तो उसे 10 में से घटाओ और उससे आगे वाले अंक में 1 जोड़
प्रकार 1 – जब केवल इकाई का अंक पांच से बड़ा हो।
जैसे
* 318 का विनकुलम लिखिए।
हल–
318 = 31(8) = 31(8–10) = 3•1(–2)
= 32
* 247 का विनकुलम लिखिए।
हल–
247 = 24(7) = 24(7–10) = 2•4(–3) =25
* 145 का विनकुलम लिखिए।
हल–
146 = 14(6) = 14(6–10) = 1•4(–4) = 15
प्रकार 2
* 189 का विनकुलम लिखिए।
हल–
189 = 1(89)
निखिलम नवत: चरमं दशत: नियम से।
= •1(8–9) (9–10)= 2(–1)(–1) = 2
* 276 का विनकुलम लिखिए।
हल–
276 = 2(76)
निखिलम नवत: चरमं दशत: नियम से।
= •2(7–9) (6–10)= 3(–2)(–4) = 3
किसी भी बड़ी संख्या का विनकुलम लिखना
* 26786 का विनकुलम लिखिए।
हल–
26786 = 2(6786)
निखिलम नवत: चरमं दशत: नियम से।
= •2(6–9) (7–10)(8–9) (6–10)
= 3(–3)(–3)(–2) (–4)
= 3
संख्या 681786 को विनकुलम् रूप में लिखना।
681786
= (68)1(786)
= 0(68)1(786)
= •0(68)•1(786)
= 1(6–9)(8–10) 2(7–9)(8–9)(6–10)
= 1(–3)(–2) 2 (–2)(–1)(–4)]
= 1
2
Example:
It is called rekhank 7 or bar 7. We treat purak as a Rekhank.
Example:
We also write negative numbers with a bar on the top of the numbers.
a. Addition and subtraction using Rekhank
Adding a bar digit or Rekhank to a digit means the digit is subtracted.
किसी रेखांक को किसी धनात्मक अंक में जोड़ने का मतलब घटाना होता हैं।
Example:
Subtracting a bar digit or Rekhank to a digit means the digit is added.
किसी रेखांक को किसी धनात्मक अंक में से घटाने का मतलब जोड़ना होता हैं।
Example:
b. Multiplication and Division using rekhank
* Product of two positive digits or two negative (Rekhanks) digits is always positive.
दो धनात्मक या ॠणात्मक संख्याओं का गुणनफल हमेशा धनात्मक संख्या होती हैं।
Example:
* Product of one positive digit and one Rekhank is always negative or Rekhank.
एक धनात्मक तथा एक रेखांक संख्या का गुणनफल हमेशा ॠणात्मक या रेखांक संख्या प्राप्त होती हैं।
Example:
Division of one positive by another positive or division of one Rekhank by another Rekhank is always positive.
किसी धनात्मक संख्या को धनात्मक संख्या से या किसी ॠणात्मक संख्या को ॠणात्मक संख्या से भाग करने पर हमेशा धनात्मक संख्या होती हैं।
Example:
Division of a positive by a Rekhank or vice versa or inverse is Rekhank or negative.
किसी धनात्मक संख्या को ॠणात्मक संख्या से या किसी ॠणात्मक संख्या को धनात्मक संख्या से भाग करने पर हमेशा ॠणात्मक संख्या या रेखांक संख्या प्राप्त होती हैं।
Example:
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