A 37. सामान्य अंकगणित (भिन्नात्मक संख्याएं) [भाग 01 भिन्न]

भिन्न संख्याएं [भाग 01 भिन्न]

A 37. सामान्य अंकगणित (भिन्नात्मक संख्याएं) [भाग 01 भिन्न]

आज के इस अध्याय में हम भिन्न संख्याओं के बारे में जानने का प्रयास करेंगे। गणित में बहुत से स्थानों पर संख्याएं भिन्न के रूप में लिखी मिलती हैं, इस अभ्यास के पढ़ने के बाद तो उन्हें सरल करना आसान हो जाएगा।


भिन्न गणित का एक महत्वपूर्ण भाग है। आइए भिन्न के बारे में कुछ basic की बात जानने का प्रयास करते हैं।

भिन्नात्मक संख्या में एक भारतीय विरासत

प्राचीन काल में अलग-अलग देशों में भिन्नों को अलग अलग ढंग ढंग से लिखा जाता था। अति प्राचीन काल से भारतीयों को भिन्नों का ज्ञान था। ऋग्वेद में अर्ध (1/2) और त्रिपाद (3/4) जैसे शब्दों का प्रयोग देखने में आता है। 

आपको आश्चर्य होगा कि भिन्न लिखने का आधुनिक ढंग भी भारत की देन है। 628 ई॰ मैं ब्रह्मगुप्त ने और 1150 ईस्वी में भास्कर ने भिन्न को 3 4 के रूप में लिखा। अरब के गणितज्ञों ने दोनों संख्याओं के बीच में एक रेखा और लगा दी जिससे यह 3/4 हो गया और इसी रूप में लिखा जाने लगा। आज यही परिपाटी विश्व भर में अपनाई जाती है।


लेखक
ॐ जितेन्द्र सिंह तोमर
M.A., B.Ed., DNYS, MASSCOM
14/5/12/11/2021

A 38. सामान्य अंकगणित ( भिन्नात्मक संख्याएं के अनुप्रयोग) 

भिन्न की परिभाषाओं के निरूपण

A fraction is formed when one thing or a whole thing is divided into equal parts otherwise not.

भिन्न (Fraction) एक संख्या है जो पूर्ण के किसी भाग को दर्शाती है। 

Fraction 
A fraction is a number representing a part of a whole, when whole is divided into the equal parts.

For example:
Full or One or 1
When one thing is divided into two parts then it is called half or 1/2.

0ne by two or 1/2 (It is also known as Half.)

When one thing is divided into three parts then it is called one third or 1/3.
One by three or 1/3

When one thing is divided into four parts then it is called one fourth or 1/3.

One by four or 1/4  (It is also known as quarter)
one by five or 1/5

One by six or 1/6

Two by four or 2/4

Three by eight or 3/8

Four by six or 4/6
Five by eight or 5/8

Now recognise and name the every picture in fraction.




सामान्यत भिन्नों को हम दो प्रकारों में बांट सकते हैं 
1. साधारण भिन्न तथा 2. दशमलव भिन्न


अंकगणितीय निरूपण:- समान आकार में बटी किसी वस्तु के किसी हिस्से को दर्शाने वाली संख्या को भिन्न कहते हैं। इसमें वांछित संख्या वाले भागों को अंश तथा कुल भागो को दर्शाने वाली संख्या को हर कहते हैं। 

भिन्न दो पूर्ण संख्याओं का एक भागफल होता है। ⅗ भिन्न का एक उदाहरण है अर्थात

 

भिन्न के तीन भाग होते हैं अंश, बटा और हर

There are two part of a fractional number upper part of fractional number is called Numerator and lower part of the fraction is called Denominator and the line which separate the both upper and lower numbers is called separator and spoken as by.

1      < – Numerator 
__     < – Separator 
2      < – Denominator 

भिन्न के भाग 
भिन्न का अंकगणितीय निरूपण:- समान आकार में बटी किसी वस्तु के किसी हिस्से को दर्शाने वाली संख्या को भिन्न कहते हैं। इसमें वांछित संख्या वाले भागों को अंश तथा कुल भागो को दर्शाने वाली संख्या को हर कहते हैं। 

भिन्न के तीन भाग होते हैं अंश, बटा और हर

अंश :– संख्या के ऊपर वाले संख्यांश को अंश कहते हैं।  संख्या 3/5 में ऊपर वाला संख्यांश 3 अंश कहलाता है।

बटा :– अंश और हर के बीच में लगे हुए निशान ( / या —) को बटा कहकर पुकारते हैं। 

हर :– संख्या के नीचे वाले संख्यांश को हर कहते हैं। संख्या 3/5 में नीचे वाला संख्यांश 5 हर कहलाता है।

इस प्रकार तीनों अंगों से बनी संख्या 3/5 को एक साथ 3 बटे 5 कहेंगे।

निम्न भिन्नों के अंश और हर बताओ ।

Write the numerator and denominators of the following fractions:

Exercise 01

(01) Recognise the numerator and denominators of fractions.
भिन्न के हर और अंशों को पहचानो।

1/2,    2/3,     7/6,    2⅕,     5/6,    8/3

1⅒,    2/3,     7/6,    2¾,     ⅚,    5/3

2/7,    3⅞,     5/6,    12/3,   6⅐,    2/9

11/2,    12/3

  ***********     RTC     ***********


Fraction –> Number of parts of a whole is known as fraction, When all parts have to be equal in shape and size.

Where the whole may be a single object or a group of objects.

बीजगणितीय निरूपण :-  p / q के रूप में लिखी संख्या जिसमें q शून्य के बराबर नहीं है। भिन्न कहलाती है। p को अंश तथा q को हर कहते हैं।

1. साधारण भिन्न 
अंश-बटा-हर के रूप में लिखी हुई संख्याओं को हम साधारण भिन्न के नाम से जानते हैं। यह निम्न प्रकार की हो सकती है।
Types of the fraction 
(i) Proper fraction 
(ii) Improper fraction 
(iii) Mixed fraction 
भिन्नों के प्रकार 
(i) उचित भिन्न या मूल भिन्न या संक्षिप्त भिन्न या मानक भिन्न या शुद्ध भिन्न 
(ii) विषम भिन्न 
(iii) मिश्र भिन्न

साधारण भिन्न के प्रकार निम्नलिखित है-
1. उचित भिन्न या मानक भिन्न वह भिनन जिसका अंश हर से छोटा होता है। उचित भिन्न या मूल भिन्न या संक्षिप्त भिन्न या मानक भिन्न या शुद्ध भिन्न कहलाता है। 

(i) Proper fraction or Standard Fraction 
In which fraction numerator is less than the denominator is called proper fraction.
N < D

As ½, ⅓, ¼, ⅕, ⅙, ⅐, ⅛, ⅑, ⅒, ⅔, ⅖, ¾, ⅗, ⅜, ⅘, ⅚, ⅝, ⅞ etc.

(ii) विषम भिन्न, विषम-मिश्र भिन्न व पूर्णांकीय-विषम भिन्न तथा मिश्र भिन्न।

विषम भिन्न :– वह भिन्न जिसका अंश बड़ा और हर छोटा होता है विषम भिन्न कहलाती है। 

विषम भिन्न को हम विषम-मिश्र भिन्न या शुद्ध मिश्र भिन्न तथा पूर्णांकीय भिन्न में बदल सकते हैं।

वह विषम भिन्न जिसका अंश बड़ा और हर छोटा होता है विषम भिन्न कहलाती है। इसे हम मिश्र भिन्न तथा पूर्णांकीय विषम भिन्न में बदल सकते हैं।

यह दो प्रकार की होती हैं (i) विषम मिश्र भिन्न तथा (ii) पूर्णांकीय भिन्न

(ii) Imroper fraction
In which fraction numerator is greater than the denominator is called proper fraction.
N > D
As. 5/3, 5/2, 6/5, 

मिश्र भिन्न या संयुक्त भिन्न:– वह भिन्न जो पूर्णाक तथा भिन्न दोनों से मिलकर बना है। तो वह भिन्न को मिश्र भिन्न (Mixed Fraction) या संयुक्त भिन्न कहलाती है। मिश्र भिन्न को विषम भिन्न में बदला जा सकता है।
जैसे- 2⅔
मिश्र भिन्न को शुद्ध भिन्न बनाने पर विषम भिन्न प्राप्त होती है। जिसका अंश बड़ा होता है।

(iii) Mixed fraction 
Which fraction can be written as a combination of a whole and a part is called mixed fractions.
4½, 5⅐
    b        M
A –    =  –
    c         N
M.F.       IP.F.

We can convert the improper fraction in mixed fraction and mixed fraction into the improper fraction.

 ***********     RTC     ***********

Exercise 02

(01) Recognise the type of fraction
भिन्न के प्रकार को पहचानो।

1/2,    2/3,     7/6,    2⅕,     5/6,    8/3

1⅒,    2/3,     7/6,    2¾,     ⅚,    5/3

2/7,    3⅞,     5/6,    12/3,   6⅐,    2/9

11/2,    12/3

  ***********     RTC     ***********

Equivalent fraction 
Fractions which represents or shows the same part of a whole are called equivalent fractions.
As
1/2, 2/4, 3/6, 4/8
1/3, 2,/6, 3,/9, 4/12
2/5, 4/10, 6/15

Each proper or improper fraction has many equivalent fractions. To find an equivalent fraction of a given fraction, we may multiply or divide both the numerator and the denominator of the given fraction by the same number.

★ Standard  form of a Fraction 
Simplest form or lowest form of a fraction is called standard form of a fraction when it's numerator and denominator have no common factor accept 1.

HCF helps the fraction to reduce into the standard form.



An improper fraction can be written as a combination of a whole and a part, and such fraction then called mixed fractions.

Like Fraction 
The fractions with the same denominator are called like fraction.

Unlike Fraction 
The fractions with the differ denominator are called unlike fraction.









3. पूर्णांकीय भिन्न
4. व्युत्क्रम भिन्न
5. दशमलव भिन्न
6. सतत् या वितत भिन्न 


मानक भिन्न या मूल भिन्न या संक्षिप्त भिन्न या सरल भिन्न या शुद्ध भिन्न को ही उचित भिन्न कहते हैं।

1. उचित भिन्न (मानक भिन्न)
वह उचित भिन्न जिसके अंश और हर परस्पर अभाज्य हो अर्थात जिन भिन्नों के अंश और हर 1 के अलावा किसी और संख्या से भाज्य न हो, मानक भिन्न कहलाती है। इसे हम मूल भिन्न भी कहते हैं क्योंकि इसका अंस छोटा तथा हर बड़ा होता है।

मानक या मूल भिन्न के रूप में लिखी हुई संख्या को हम भिन्न का मानक रूप कहते हैं।

मानक रूप में लिखी भिन्न को ही हम मानक भिन्न या मूल भिन्न या संक्षिप्त भिन्न (Lowest Fraction) या सरल भिन्न या उचित भिन्न (Proper Fraction) कहते हैं।

जैसे 1/2, 1/3, 2/3, 4/5 आदि मानक भिन्न या संक्षिप्त भिन्न या सरल भिन्न हैं।

2. अनुचित भिन्न (Imroper Fraction)
यदि किसी भिन्न का अंश, हर से बड़ा या बराबर हो तो उस भिन्न को अनुचित भिन्न कहते है।

(i) मिश्रित भिन्न या तुल्य (समतुल्य) भिन्न
यदि किसी भिन्न के अंश और हर दोनों में कोई भी कॉमन गुणनखंड हो तो उस भिन्न को मिश्रित भिन्न (Complex Fraction) कहते है। अर्थात मिश्रित भिन्न को सरल भिन्न के रूप में भी लिखा जा सकता है।
यह सरल भिन्न का तुल्य रूप होता है। इसे हम तो तुल्य भिन्न भी कह सकते हैं।
जैसे– 3/9, 12/15 आदि।

* इस प्रकार मिश्रित भिन्न तथा तुल्य भिन्न दोनों एक दूसरे के प्रति रूप हैं।



विषम-मिश्र भिन्न या शुद्ध मिश्र भिन्न :- वह विषम भिन्न जो अपने मानक रूप में पूर्णाक तथा भिन्न दोनों एक साथ रखती है। विषम-मिश्र भिन्न या शुद्ध मिश्र भिन्न कहलाती है।
जैसे – 4/3, 12/5, 16/3, 25/4 आदि

पूर्णांकीय-विषम भिन्न :- वह विषम भिन्न जो अपने मानक रूप में पूर्णांक में बदल जाती है। पूर्णांकीय-विषम भिन्न कहलाती है।
जैसे – 4/2, 12/6, 16/4, 25/5 आदि




* अतः मिश्र भिन्न तथा विषम भिन्न एक दूसरे के प्रति रूप हैं।

व्युत्क्रम भिन्न (Reciprocal Fraction):–यदि किसी भिन्न के अंश और हर को आपस में बदल दिया जाये तो प्राप्त नया भिन्न दिए गए भिन्न का व्युत्क्रम भिन्न कहलाएंगा है। भिन्न 2/3, का व्युत्क्रम भिन्न 3/2 होगा।

इकाई भिन्न :- वह भिन्न जिसका अंश 1 हो। इकाई भिन्न कहलाता है। जैसे:- 1/2, 1/3, 1/4………. आदि.

3. दशमलव भिन्न

यदि किसी भिन्न को दशांश, शतांश से सहस्रांश आदि के रूप में लिखा जाता है तो वह भिन्न दशमलव भिन्न कहलाती है। इन भिन्नोंं के हर में 10, 100, 1000 इत्यादि होते हैं। 

हरेक पूर्णांक एक दशमलव भिन्न है क्योंकि इसके दाएं और दशमलव लगाकर शून्य लिखा जा सकता है।
5, 7, 10, 120, 1235 आदि दशमलव भिन्न है क्योंकि इन्हें क्रमश: 5.0, 7.0, 10.0, 120.0, 1235.0 के रूप में भी लिखा जा सकता है।

[दशमलव भिन्न के अनुप्रयोग या एप्लीकेशंस के बारे में हम अगले अध्याय में विस्तार से अध्ययन करेंगे।]

4. सतत् या वितत भिन्न 

जब भिन्न का हर भी भिन्न ह अर्थात जिसका हर फिर से भिन्न हो तथा इसी तरह चलता रहे, तो ऐसी भिन्न को सतत भिन्न या वित्त भिन्न कहते हें, 
जैसे 
सतत भिन्न को निचे से ऊपर की ओर हल करते है।


Types of Fractions
भिन्नों के प्रकार
1. उचित भिन्न Proper Fraction
(मानक भिन्न या मूल भिन्न या संक्षिप्त भिन्न या सरल भिन्न)
[मानक रूप में लिखा हुआ सरल भिन्न जिसका अंश छोटा व हर बड़ा हो।]
2. अनुचित भिन्न Improper Fraction
[वह भिन्न जिसका अंश बड़ा व हर छोटा हो।]
3. मिश्रित भिन्न Complex Fraction
[वह भिन्न जिसे मानक रूप में बदला जा सके।]
4. तुल्य भिन्न
[वह भिन्न जिसे मानक रूप में बदला जा सके।]
5. विषम भिन्न 
[वह भिन्न जिसका अंश बड़ा व हर छोटा हो।]
6. मिश्र भिन्न या शुद्ध मिश्र भिन्न
[वह भिन्न जिसे पूर्णांक व भिन्न के रूप में लिखा जा सके।]
7. विषम-मिश्र भिन्न
[वह विषम भिन्न जिसे मिश्र भिन्न के रूप में बदला जा सके।]
8. पूर्णांकीय-विषम भिन्न
[वह विषम भिन्न जो मानक रूप में पूर्णंक में बदल जाए।]
9. व्युत्क्रम भिन्न 
[किसी भिन्न का उल्टा]
10. इकाई भिन्न
[वह भिन्न जिसका अंश 1 हो।]


भिन्नों के अन्य नाम

1. समांश (सम+अंश) भिन्न
[वे भिन्न जिनके अंश समान हो।]
2. विषमांश (विषम+अंश) भिन्न
[वे भिन्न जिनके अंश विषम हो।]
3. सम हर भिन्न
[वे भिन्न जिनके हर समान हो।]
4. विषम हर भिन्न
[वे भिन्न जिनके अंश असमान या विषम हो।]
5. समान भिन्न
[वे भिन्न जिनके हर आपस में एक समान अर्थात बराबर हों।]
6. असमान भिन्न
[वे भिन्न जिनके हर आपस में एक समान अर्थात बराबर न हों।]

समतुल्य भिन्न किसे कहते हैं ?

किसी भिन्न के अंश तथा हर को समान संख्या से गुणा या भाग करने पर प्राप्त हुई नई भिन्न को दी गई भिन्न का समतुल्य भिन्न कहते हैं।

जैसे – 2/3 का समतुल्य भिन्न = 4/6, 6/9, 8/12, 10/15 आदि होगा।

समतुल्य भिन्न कैसे ज्ञात करते हैं ?

समतुल्य भिन्न निम्न दो तरीकों से ज्ञात करते हैं जो नीचे दिए गए हैं –

तरीका -1. किसी भिन्न के अंश और हर प्रत्येक को एक ही संख्या से गुणा करके समतुल्य भिन्न ज्ञात करते हैं।

जैसे – 2/3 का समतुल्य भिन्न ज्ञात करने के लिए उसके अंश और हर प्रत्येक को एक ही संख्या 2, 3, 4, 5 आदि से गुणा करते हैं।

2/3 का समतुल्य भिन्न = 4/6, 6/9, 8/12, 10/15 आदि।

तरीका -2. किसी भिन्न के अंश और हर प्रत्येक को एक समान संख्या (2, 3, 4, 6) से भाग देकर समतुल्य भिन्न प्राप्त करते हैं।

जैसे – 24/120 का समतुल्य भिन्न = 12/60, 8/40, 6/30, 4/20 आदि।                

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