05.01 विभाजनीयता के नियम (भाग 1) साधारण विभाज्यता की जांच

संख्याओं की विभाज्यता  या  विभाजनीयता (Divisibility)  के नियम
आप सामान्य रूप से किसी संख्या की  0 से, 1 से, 2से, या 3, 4, 5, 6, 8, 9,10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 22 से  विभाज्यता है या नहीं, यह जानते होंगे।

वैदिक विधि से विभाज्यता  या  विभाजनीयता (Divisibility)  के बारे में जानने से पहले हम गणित में  प्रचलित सामान्य नियमों को एक बार पुनः ध्यान से समझ लेते हैं। या जो इन नियमों के बारे में नहीं जानता उन्हें इसके बारे में समझा देते हैं।


शून्य से विभाज्यता
यह है अपरिभाषित है क्योंकि सभी संख्याएं शून्य से बड़ी होती हैं । और शून्य से विभाजित होने पर हम इन सब को शून्य ही मान लेते हैं। परंतु ऐसा नहीं है इनका जो परिणाम अपरिभाषित आता है जो एक अज्ञात संख्या होती है। जिसे हम अभी तक नहीं समझ पाए हैं।
1/0 = ∞ (अपरिभाषित) होता है।


1 से विभाज्यता 
सभी संख्याएं (Numbers) 1 से पूर्णतः विभाज्य(divisible) होती हैं और वही संख्याा देती जिमीी संख्या भाग कर रहीी होती है।
1/1=1
2/1=2
3/1=3
12/1=12
(परंतु ध्यान रहे कि 0/1 = 0 होता है।)
(परंतु ध्यान रहे कि 1/0 = ∞ होता है।)

2 से विभाज्यता 
सभी सम संख्याएं (Even Numbers) 2 से पूर्णतः विभाज्य(Divisible) होती हैं। 
अर्थात्  
जिन संख्याओं के अंतिम अंक या इकाई (Unit) का अंक 0,2,4,6 या 8 हो वे सभी संख्याएं 2 से पूर्णतः विभाज्य (Divisible) होती हैं। अन्यथाा नहीं।

3 से विभाज्यता 
किसी संख्या के सभी अंकों का योग यदि 3 से विभाज्य हो तो वह संख्या भी 3 से विभाज्य होगी।अन्यथाा नहीं।
जैसे-
* 3456 का आंकिक योग है = 3+4+5+6 = 18।
हम जानते हैं कि 18 संख्या 3 से पूर्णत विभाजित है अतः संख्या 3456,  3 से पूर्णतया विभाज्य है।

* 12345 का आंकिक योग है = 1+2+3+4+5 = 15 है ।
हम जानते हैं कि 15 संख्या 3 से पूर्णत: विभाजित है अतः संख्या 12345, संख्या 3 से पूर्णतया विभाज्य है।

63203269584 का आंकिक योग
6+3+2+0+3+2+6+9+5+8+4 = 59 है।

59 संख्या 3 से पूर्णत: विभाजित नहीं है अतः संख्या 63203269584, संख्या 3 से विभाज्य नहीं है।

4 से विभाज्यता 
जिन संख्याओं के अंतिम दो अंक (अर्थात अंतिम और उपांतिम अंक अर्थात इकाई और दहाई अर्थात Unit और Ten) 4 से विभाज्य हो वे सभी संख्याएँ 4 से पूर्णत: भाज्य होती हैं। 
साथ ही हमें ध्यान रखना चाहिए कि यदि किसी संख्या के अंतिम दो अंक 00 हो तो वह भी  4 से पूर्णत: विभाज्य होती है। अन्यथाा नहीं।

जैसे - 144, 524, 3456, 23404, 12500, 1000, 20000, 2560000 इत्यादि 4 से विभाज्य हैं।

वैदिक गणित के अनुसार यदि उपांतिम तथा अंतिम अंक के दुगने का योग 4 से विभाजित है तो वह संख्या 4 से विभाजित हो जाएगी।
(उपांतिम अंक + 2 × अंतिम अंक = 4 से विभाजित संख्या।)
* क्या संख्या 144  संख्या 4 सेे विभाज्य है या नहीं?
यहां उपांतिम तथा अंतिम अंक के दोनोें 
ही 4 हैं।
4 + 2 × 4 = 4 + 8 =  12 संख्या 4 से विभाजित संख्या। फतेह 144 संख्या 4 सेे विभाज्य है।

* क्या संख्या 385546  संख्या 4 सेे विभाज्य है या नहीं?
यहां उपांतिम अंक 4 तथा अंतिम अंक 6 हैं।
4 + 2 × 6 = 4 + 12 =  16 संख्या 4 से विभाजित संख्या। फतेह 385546 संख्या 4 सेे विभाज्य है।

5 से विभाज्यता
जिन संख्याओं के अंतिम अंक या इकाई (Unit) के स्थान में 5 या 0 हो तो वे सभी संख्याएं 5 से विभाज्य होती हैं। अन्यथाा नहीं।
जैसे 
5, 10, 50, 65, 100, 155, 295, 995, 99820

6 से विभाज्यता
संख्या 6 अभाज्य संख्याएं 2 और 3 का गुणज (6 = 2 x 3 ) होती है । इसलिए यदि कोई संख्या 2 और 3, दोनों से विभाज्य हो तो वह 6 से भी विभाज्य होगी 
अर्थात
3 से विभाजित प्रत्येक सम संख्या, 6 से भी विभाज्य होगी।

8 से विभाज्यता
जिन संख्याओं के अंतिम तीन अंक (इकाई दहाई सैकड़ा तथा hundred, tenth,  once) 8 से विभाजित हो तो वे संख्याएँ 8 से विभाज्य होती हैं। 
साथ ही जिनके अंतिम तीन अंक 000 हों वह भी विभाज्य होती है।
जैसे-- 8, 24, 88, 104, 768,  1808,  1000, 45672, 10008 आदि 8 से विभाज्य है ।

9 से विभाज्यता
यह नियम संख्याा 3 की तरह कार्य करता है। यदि किसी संख्या के सभी अंको का योग 9 से विभाज्य हो तो वह संख्या 9 से विभाज्य होगी।

जैसे- 
* 3456 का आंकिक योग है = 3+4+5+6 = 18।
हम जानते हैं कि 18 संख्या 9 से पूर्णत विभाजित है अतः संख्या 3456,  9 से पूर्णतया विभाज्य है।

* 123453 का आंकिक योग है = 1+2+3+4+5+3 = 18 है ।
हम जानते हैं कि 18 संख्या 9 से पूर्णत: विभाजित है अतः संख्या 123453, संख्या 9 से पूर्णतया विभाज्य है।

1257894 का आंकिक योग =1+2+5+7+8+9+4 =36 है। 
हम जानते हैं कि 36 संख्या 9 से पूर्णत: विभाजित है अतः संख्या 1257894, संख्या 9 से पूर्णतया विभाज्य है।

10 से विभाज्यता
किसी संख्या के अंत में 0 हो तो वह 10 से विभाज्य होगी।
जैसे
10, 20, 100 2000, 500000

11 से विभाज्यता
यदि किसी संख्या के विषम व सम स्थानों पर स्थित अंकों केे योगों का अंतर का 0 हो या 11 से विभाज्य हो तो वह पूरी संख्या 11 से विभाज्य होगी । 

(विषम अंक योग – समांक योग = 0 या 11 का गुणज) तो वह पूरी संख्या 11 से विभाज्य होगी । अन्यथा नहीं। 

* क्या 875421 संख्या 11 से विभाजित है या नहीं।
विषमांक योग =7+4+1 = 12
समांक योग =8+5+2=15  
हम पाते है कि 15-12 =3 है जो कि 11 से विभाज्य नहीं है।
अतः संख्या 875421 संख्या 11 से भाग्य नहीं है

* क्या 806421 संख्या 11 से विभाजित है या नहीं।
विषमांक योग = 0+4+1 = 5
समांक योग = 8+6+2 =16  
हम पाते है कि 16–5 =11 है जो कि 11 से विभाज्य है।
अतः संख्या 806421 संख्या 11 से भाग्य है।

* क्या 569754207 संख्या 11 से विभाजित है या नहीं।
विषमांक योग = 5+9+5+2+7 =28   
समांक योग = =6+7+4+0 =17; 
हम पाते है कि 28–17 =11 है जो कि 11 से विभाज्य है।
अतः संख्या 569754207 संख्या 11 से भाग्य है।

[वैदिक गणित केेेेेे नियम के अनुसार यदि विषमांक योग का बीजांक तथा समांक योग का बीजांक अंतर 0 या 2, 4, 6, 8 में से कोई आने पर वह संख्या 11 से विभाज्य होगी।]

12 से विभाज्यता
जहां 3 और 4 दोनों की विभाज्यताा लागू होगी वह संख्या 12 से विभाजित हो जाएगी। 
  
वह संख्या जो 4 और 3 दोनों से विभाज्य है, वह 12 से भी विभाज्य होगी।
जैसे - 1356156 के अंतिम दो अंक 56, 4 से विभाज्य है। 
साथ ही दिए हुए संख्या का आंकिक योग = 9, 3 से विभाज्य है। 
इसलिए संख्या 12 से विभाज्य है।

15 से विभाज्यता
जहां 3 और 5 दोनों की विभाज्यताा लागू होगी वह संख्या 15 से विभाजित हो जाएगी। 

3 और 5 दोनों से विभाज्य संख्या, 15 से भी विभाज्य होगी.

16 से विभाज्यता
अंतिम चार अंक यदि 16 से विभाज्य हो तो संख्या भी 16 से विभाज्य होगी.

18 से विभाज्यता 
9 से विभाज्य प्रत्येक सम संख्या 18 से विभाज्य होगी।

22 से विभाज्यता 
11 से विभाज्य प्रत्येक सम संख्या 22 से विभाज्य होगी।

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