05.02 विभाजनीयता के नियम (भाग 2) आश्लेषण या वेष्टन द्वारा विभाज्यता की जांच

आश्लेषण या वेष्टन द्वारा विभाज्यता या विभाजनीयता (divisibility) जांच के वैदिक नियम

आइए हम विभाज्यता के उस वैदिक नियमों के बारे में बताने का प्रयास कर रहे हैं। हमने महसूस किया है कि यह नियम अभाज्य संख्याएं से भाज्यता पर भी अच्छी तरह से लागू होता है। 
अर्थात जो संख्याएं पूर्णतया अभाज्य संख्याएं होती हैं वहां यह नियम 100% कार्य करता है।

आइए इस वैदिक विधि को सीखते हैं–>

यहाँ पर एक नया नियम आएगा जिसे आश्लेषण या वेष्टन (Osculation) कहते हैं। जिस संख्या की सहायता से आश्लेषण किया जाता है । उसे आश्लेषक कहते हैं। 
आइए पहले आश्लेषक (Osculator) के बारे में जानने का प्रयास करते हैं। 


वैदिक गणित में अभाज्य संख्याओं से विभाज्यता की जाँच जिस प्रक्रिया के द्वारा होती है । उसे तकनीकी भाषा में आश्लेषण (या वेष्टन, Osculation) कहते हैं।


वैदिक सूत्र वेष्टनम् के प्रयोग से आश्लेषण (Osculation) द्वारा विभाज्यता की जाँच की जाती है । जिस संख्या की सहायता से विभाज्य या आश्लेषण किया जाता है । उसे आश्लेषक  कहते हैं। वैदिक गणित में आश्लेषक दो प्रकार के होते हैं आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी एक को या दोनों को अपना सकते हैं।

आश्लेषक दो प्रकार के होते हैं- 
1.धनात्मक आश्लेषक 
2. ऋणात्मक आश्लेषक.
  • सिर्फ 1, 3, 7, 9 से अंत होने वाली संख्याओं की विभाज्यता की जाँच, इस विधि द्वारा की जा सकती है।
  • किसी सम संख्या या 5 से अंत होने वाली संख्या के लिए आश्लेषक  नहीं होता है।
हम धनात्मक (Possative)आश्लेषक के लिए  'P' और ऋणात्मक (Negative) आश्लेषक के लिए  'N' , चिन्हों का प्रयोग करेंगे.

आश्लेषक (Osculator)  कैसे ज्ञात करते हैं?

धनात्मक आश्लेषक (P) : 9 से अंत होने वाली संख्याओं का धनात्मक आश्लेषक होता है, जैसे 09, 19, 29, 39, 49, 59, ...139, 149, ... आदि के आश्लेषक को हम निखिलांक को एकाधिक करकेे प्राप्त करते हैं अर्थात इसे एकाधिकेन पूर्वेण से ज्ञात करते हैं।

* 9 के लिए P = ?  
09 में पूर्व अंक या निखिलांक 0 है, और 0 का एकाधिक होगा (•0 = 1)। 
इसलिए 09 का आश्लेषक है P =1 होगा।

* 19 के लिए P = ?  
19 में पूर्व अंक या निखिलांक 1 है, और 1 का एकाधिक होगा (•1 = 2)। 
इसलिए 19 का आश्लेषक है P = 2 होगा।

* 29 के लिए P = ?  
29 में पूर्व अंक या निखिलांक  2 है, और 2 का एकाधिक होगा (•2 = 3)। 
इसलिए 29 का आश्लेषक है P = 3 होगा।

* 49 के लिए  निखिलांक  4 का एकाधिक = 5 इसलिए P = 5. 

* 69 के लिए  निखिलांक  6 का एकाधिक = 7 इसलिए P = 7. 

* 169 के लिए  निखिलांक  16 का एकाधिक = 17 इसलिए P = 17. 

* 179 के लिए  निखिलांक  17 का एकाधिक = 18 इसलिए P = 18.


ऋणात्मक आश्लेषक (N) : 1 से अंत होने वाली संख्याओं का आश्लेषक ऋणात्मक होता है, जैसे 11, 21, 31, 41, 51, ....81, .., 191, ... आदि के आश्लेषक। 
इसमें पूर्व अंक को बिना किसी बदलाव के आश्लेषक मान लेते हैं।

21 का N  = 2;        
31 का N = 3;        
41 का N = 4;           
141 का N =14;

कुछ महत्वपूर्ण बिंदु :-
(1) 3 से अंत होने वाली संख्या में क्रमशः 7 और 3 गुणा कर दें तो 1 और 9 से अंत होने वाली संख्या मिल जाएगी। जिनके आश्लेषक आप ज्ञात कर सकते हैं।

(2) 7 से अंत होने वाली संख्याओं में क्रमशः 3 और 7 गुणा कर दें तो 1 और 9 से अंत  होने वाली संख्या मिल जाएगी। इनके आश्लेषक भी आप ज्ञात कर सकते हैं।

(3) साथ ही 1 और 9 से भी अंत होने वाली संख्याओं में क्रमशः 9 और 1 से गुणा कर दें तो 9 और 1 से अंत होने वाली संख्या मिल जाएगी।

इन तीनो बिन्दुओं से पता चलता है कि 1,3,7,या 9  किसी भी अंक से अंत करने वाले संख्या का आश्लेषक धनात्मक (Possative) 'P' और ऋणात्मक (Negative) 'N' दोनों होंगे।

* अब यह भी याद रखें कि अगर X के दोनों आश्लेषक P और N हैं, तो P + N = X होगा।

* दोनों आश्लेषकों में जो छोटा होता है, हम उसी का प्रयोग करते हैं। अगर X का एक आश्लेषक पता है तो दूसरा X में से घटा कर निकाल सकते हैं।

उदाहरण :-    7 का आश्लेषक क्या होगा?
हल:-  7x7 = 49, इसलिए 7 का P = (4 का एकाधिक) = 5 होगा।
और दूसरा 7x 3 = 21, इसलिए 7 का N = 2 होगा।

यहाँ स्पष्ट है कि P + N = 7।

उदाहरण:-  29 का आश्लेषक क्या होगा?
हल:-  29 का आश्लेषक
P = 3 
[ और N = X – P = 29 – 3 = 26]

उदाहरण:-  37 का आश्लेषक क्या होगा?
हल:-  37 x 3 = 111 इसलिए N = 11 होगा।


आश्लेषण (Oosculation) कैसे होता है ?

= (निखिलांक) + चरमांक × आश्लेषक 
पुनः, पुनः यही विधि अपनाते जाते हैं । यह कैसे करते हैं हम नीचे बताने का प्रयास कर रहे हैं कृपया इसे ध्यान से समझ लीजिए।

* P के द्वारा abcde का P से आश्लेषण करेंगे तो होगा: abcd + e. P

* N के द्वारा abcde का N से आश्लेषण करेंगे तो होगा: abcd - e. N

इसे एक उदाहरण से समझते हैं।

उदाहरण
ज्ञात करो 63, 7 से विभाज्य है या नहीं ?

हल: 7 का P = 5; 
63 का आश्लेषण : 
= 6 + 3 x (P) 
= 6 + 3 x 5 
= 21

अब पुनः 21 का आश्लेषण : 
2 + 1 x 5 
= 2 + 5 
= 7. 

हम देख रहे हैं  की आश्लेषण करने के बाद 21 आया जो की 7 भाज्य है और फिर 21 का भी आश्लेषण कर देने पर 7 ही आ गया। इसलिए 63, 7 से विभाज्य है।

निम्नलिखित संख्याओं की 7 से विभाज्यता जांचते है। 
हम जानते हैं कि 7 की विभाज्यता के लिए धनात्मक अश्लेषक 5 तथा ऋणात्मक अश्लेषक 2 होता है।

धनात्मक आश्लेषक P = 5 के लिए।

(1)  क्या 1435, 7 से विभाज्य है? 
हल:
हम जानते हैं कि 7 से विभाज्यता ज्ञात करने के लिए अश्लेषक 15 का उपयोग किया जाता है।
अतः
1435: 143 + 5 x 5 = 168;     
168 : 16 + 8 x 5 = 56 
(56,  7 से विभाज्य है।)
इसलिए हम कह सकते हैं कि हां, संख्या 1435  अंक 7 से पूर्णतया विभाज्य है।

ऋणात्मक आश्लेषक N = 2  के लिए
1435 : 
143 –5 x 2 =133;     
133 : 
13 – 3 x 2 = 7
(अतः 1435, 7 से विभाज्य है)

(2)  क्या 55277838, 7 से विभाज्य है? 
हल:
हम जानते हैं कि 7 से विभाज्यता ज्ञात करने के लिए अश्लेष 15 का उपयोग किया जाता है।
अतः
55277838 : 
5527783 + 8 x 5 = 5527823
5527823 : 
552782 + 3 x 5 = 552797
552797 : 
55279 + 7 x 5 = 55314
55314 : 
5531+4x5 = 5551
5551 : 
555 + 1 x 5 = 560
560 : 
56+0x5 =56  
(56,  7 से विभाज्य है।)
इसलिए हम कह सकते हैं कि हां, संख्या 55277838  अंक 7 से पूर्णतया विभाज्य है।

ऋणात्मक आश्लेषक N = 2  के लिए

55277838 : 
5527783 – 8 x 2 = 5527767
5527767 : 
552776 –7 x 2 = 552762
552762 : 
55276 – 2 x 2 = 55272
55272 : 
5527 – 2 x 2 = 5523
5523 : 
552– 3 x 2 = 546
546 : 
54 – 6 x 2 = 42 
(42,  7 से विभाज्य है।)
इसलिए हम कह सकते हैं कि हां, संख्या 55277838  अंक 7 से पूर्णतया विभाज्य है।


अब देखते हैं की कोई संख्या 29 से  विभाज्य है या नहीं।

उदाहरण:-  567821,   29 से विभाज्य है या नहीं?
हल:- 29 का P = 3
क्रमवार आश्लेषण होगा: 
567821
56782 + 1 x 3 = 56785 
56785
5678 + 5 x 3 = 5693 
5693
593 + 3 x 3 = 578 
578
57 + 8 x 3 = 42 
81
8 + 1 x 3 = 11 
स्पष्ट है 11, 29 से बहुत छोटा है। इसलिए हम तुलना 81 से करते हैं और यह भी स्पष्ट है कि 81, 29 से विभाज्य नहीं है। अतः दी गई संख्या भी 29 से विभाज्य नहीं है।

उदाहरण:- 6952135, 31से विभाज्य है या नहीं?
हल:- 31 का N = 3
क्रमवार आश्लेषण होगा: 6952135, 695198, 69495, 6936, 675, 52
स्पष्ट है की 52, 21 से विभाज्य नहीं है. दी गई संख्या भी 31 विभाज्य नहीं है।

अगर आप इसे समझ गए है तो फिर आश्लेषण की और आसान विधि है उसे देखिये -----------

आश्लेषण की आसान विधि

हमने पहले 55277838 की 7 से विभाज्यता जाँच करने के लिए धनात्मक आश्लेषक P = 5 का प्रयोग किया था। 


अब नए तरह से....
  • सबसे दायें के 8 को 5 से गुणा कर उसमें बाएं का 3 जोड़ दीजिये। 5 x 8 + 3 = 43.
  • अब पुनः 43 का आश्लेषण कर उसमें (3 के बाएं का) 8 जोड़ दीजिये। (4 + 5 x 3) + 8 = 5 x 3 + 4 + 8 = 27.
  • अब पुनः 27 का आश्लेषण कर, (8 के बाएं का) 7 उसमें जोड़ दीजिये।  7 x 5 + 2 + 7 = 44.
  • अब पुनः 44 का आश्लेषण कर, 7 जोड़ दीजिए। 5 x 4 + 4 + 7 = 31.
  • अब पुनः 31 का आश्लेषण कर, 2 जोड़ दीजिये।1 x 5 + 3 + 2 = 10.
  • अब पुनः 10 का आश्लेषण कर,5 जोड़ दीजिये। 0 x 5 +1+ 5 = 06.
  • अब पुनः 6 या 06 का आश्लेषण कर ,5 जोड़ दीजिये। 6 x 5 + 0 + 5 = 35.
  • अब कोई भी अंक जोड़ने के लिए शेष नहीं  बचा है  इसलिए हम रूकना होता हैं। अंततः हमें संख्या 35 मिली जो की 7 से विभाज्य है, अतः दी गई संख्या भी 7 से विभाज्य है।
  • यह एक लाइन में ही बन सकता है ...........इस प्रकार...


नए तरह से ....(ऋणात्मक आश्लेषक द्वारा)---
 N = 2 का प्रयोग करें तो थोड़ा जटिल कार्य होगा इसलिए हम N = – 2 का प्रयोग करेंगे।
  • 8 को –2 से गुणा कर 3 जोड़ देंगे  8x(–2) +3 = –13.
  • –13 का –2 से आश्लेषण कर, 8 जोड़ दीजिये. [(–1)+ (–3)x(–2)] + 8=13.
  • 13 का –2 से आश्लेषण कर,7 जोड़ दीजिये. 3x(–2)+1+7=2.
  • 2 या 02 का –2 से आश्लेषण कर,7 जोड़ दीजिये. 2x(–2)+0+7= 3.
  • 3 का –2 से आश्लेषण कर, 2 जोड़ दीजिये.3x(–2)+0+2= -4.
  • –4 का –2 से आश्लेषण कर, 5 जोड़ दीजिये. (–4)x(–2)+0+5= 13.
  • 13 का –2 से आश्लेषण कर, 5 जोड़ दीजिये 3x(–2)+1+5=0.
  • 0 आया जो कि 7 से विभाज्य है अतः दी गई संख्या भी 7 से विभाज्य है.


एक लाइन में-- 
4 के ऊपर रेखा का मतलब –4 है और इसे रेखांक 4 कहते हैं.इसी तरह 2 और 13 भी रेखांक हैं जो क्रमशः –2 और –13 बताते हैं।

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