वि० वैदिक अंकगणित पु० || 1 || अध्याय 08.03.2 || वैदिक विधि से संख्याओं का योग

विनजीत वैदिक अंकगणित पुस्तक || 1 || अध्याय 08.03.2 || वैदिक विधि से संख्याओं का योग (शुद्धिकरण द्वारा)
साभार 

गणना की सरल एवं सूक्ष्म विधि (वैदिक सूत्रों के आधार पर)

वैदिक विधि से संख्याओं का योग

साधारण गणित में संख्याओं का योग ज्ञात करने के लिए सबसे पहले हम इकाई के अंकों को जोड़ते हैं, फिर दहाई के अंकों को जोड़ते हैं, फिर सैकड़ा के अंकों को जोड़ते हैं, इत्यादि ।

वैदिक गणित में भी संख्याओं का योग इसी क्रम में ज्ञात किया जाता है, परन्तु इसमें अपनायी गयी विधि साधारण गणित की विधि से कुछ भिन्न होती है। वैदिक विधि से संख्याओं का योग ज्ञात करते समय हाँसिल का प्रयोग नहीं किया जाता है, बल्कि उसके स्थान पर उप सूत्र शुद्ध (शुद्ध अंक) का प्रयोग किया जाता है।

योग की वैदिक विधि निम्न है-

इकाई के अंकों का योग ज्ञात करना :

'ऊपर से नीचे की ओर' (↓) इकाई के अंकों को क्रमवार जोड़ना प्रारम्भ करते हैं तथा जिस अंक पर योग 9 से बड़ा आ जाता है (माना योग 12 आता है), उस अंक के ठीक बायीं ओर स्थित दहाई के अक पर एक शुद्ध बिन्दु लगा देते हैं। अब योग (12) में इकाई के अंक (2) को नीचे बाले अगले अंक में जोड़ते हैं। यदि योग 9 से बड़ा आये तो बायीं ओर स्थित दहाई के अंक पर फिर शुद्ध बिन्दु लगा देते हैं, परन्तु यदि योग 9 से कम आये तो उसे नीचे वाले अगले अंक में जोड़कर योग ज्ञात करते हैं। इस क्रिया को अन्तिम अंक तक दोहराते हैं। अन्त में, जो योग प्राप्त होता है उसमें इकाई का अंक, उत्तर में इकाई के स्थान पर लिख देते हैं।

दहाई के अंकों का योग ज्ञात करना :

सर्वप्रथम दहाई के स्तम्भ (कॉलम) में अंकों पर लगे शुद्ध बिन्दुओं को गिन- कर इस स्तम्भ के सबसे ऊपरी अंक में जोड़ते हैं। जोड़ने पर जो अंक प्राप्त होता है उसे नीचे वाले दूसरे अंक में जोड़ देते हैं। यदि योग 9 से बड़ा आता है तो उस अंक के बायीं ओर स्थित सैकड़ा के अंक पर शुद्ध बिन्दु लगा देते हैं तथा इकाई के अंक को तीसरे अंक में जोड़कर आगे जोड़ना प्रारम्भ करते हैं। इस क्रिया को आगे दोहराते रहते हैं। अन्त में जो योग प्राप्त होता है उसमें इकाई का अंक, उत्तर में दहाई के स्थान पर लिख देते हैं।

सैकड़ा, हजारखें.... अंकों का योग ज्ञात करना :
दहाई के अंकों को जोड़ने की उक्त विधि से ही सैकड़ा, हजारवें..... अकों का योग ज्ञात किया जाता है।


क्रिया के पद :
इकाई के अंकों का योग-
(i) 9 + 9 = 18 जो 9 से बड़ा है। यहाँ शुद्धीकरण होगा।

अब, 9 के बाँयी ओर स्थित दहाई के अंक 6 पर शुद्ध बिन्दु लगा देंगे तथा योग 18 में इकाई के अंक 8 को नीचे वाले अगले अंक 5 में जोड़ेंगे।
अब,

(ii) 5+8 = 13 जो 9 से बड़ा है। यहाँ शुद्धीकरण होगा ।
शुद्ध बिन्दु लगा देंगे तथा योग 5 के बाँयी ओर स्थित दहाई के अंक 7 पर 13 में इकाई के अंक 3 को नीचे वाले अगले अंक 9 में जोड़ेंगे ।

(iii) 9+3= 12 जो 9 से बड़ा है। ,. 9 के बांयी ओर स्थित दहाई के अंक 6 पर शुद्ध यहाँ शुद्धीकरण होगा ।
अब बिन्दु लगा देंगे तथा योग 12 में इकाई के अंक 2 को उत्तर में इकाई के स्थान पर लिख देंगे ।

दहाई के अंकों का योग-

(i) सर्वप्रथम दहाई के स्तम्भ (कॉलम) में अंकों पर लगे शुद्ध बिन्दुओं को गिना जो यहां 3 हैं। इन शुद्ध बिन्दुओं को इस स्तम्भ के ऊपरी अंक 7 में जोड़ दिया, तब
सबसे ऊपर अंक प्राप्त होगा

7+3 (शुद्ध) = 10 जो 9 से बड़ा है। ∴ यहाँ शुद्धीकरण होगा।

अब, 7 के बांयी ओर स्थित सैकड़ा के अंक 5 पर शुद्ध बिन्दु लगा देंगे तथा यो 10 में इकाई के अंक 0 को नीचे वाले अगले अंक 6 में जोड़ेंगे ।

(ii) 6-06 जो 9 से छोटा है। अतः यहाँ 6 को नीचे वाले असे अंक 7 में जोड़ेंगे । ∴ यहाँ शुद्धीकरण होगा।

अब, (iii) 7+6= 13 जो 9 से बड़ा है। 7 के बाँयी ओर स्थित सैकड़ा के अंक 0 पर शुद्ध विन्दु लगा देने तथा 13 में इकाई के अंक 3 को नीचे वाले अगले अंक 6 में जोड़ेंगे।

(iv) 6+3=09

देगे। अतः योग 09 में इकाई के अंक 9 को उत्तर में दहाई के स्थान पर लिख देंगे।

सैकड़ा के अंकों का योग-

(i) सर्वप्रथम सैकड़ा के स्तम्भ (कॉलम) में अंकों पर लगे शुद्ध विन्दुओं को गिना जो यहाँ 2 हैं। इन शुद्ध बिन्दुओं को इस स्तम्भ के ऊपरी अंक 5 में बोह दिया, तब
सबसे ऊपर अंक प्राप्त होगा:
5+2 (शुद्ध) = 7 जो 9 से छोटा है।
अतः 7 को नीचे वाले अंगले अंक 9 में जोड़ेंगे । 

(ii) 9+7=16 जो 9 से बढ़ा है।
अब, ∴ यहाँ शुद्धीकरण होगा। 9 के बाँयी ओर स्थित हजार के अंक 4 पर शुद्ध बिन्दु लगा देंगे तथा योग 16 में इकाई के अंक 6 को नीचे वाले अगले अंक 0 में जोड़ेंगे । 

(iii) 0+6=6 जो 9 से छोटा है। अतः अब 6 को नीचे वाले अगले अंक 5 में जोड़ेंगे ।

(iv) 5+6=11 जो 9 से बड़ा है। ∴ यहाँ शुद्धीकरण होगा ।

अब, 5 के बाँयी ओर स्थित हजार के अंक 9 पर शुद्ध बिन्दु लगा देगे तथा योग 11 में इकाई के अंक 1 को उत्तर में सैकड़ा के स्थान पर लिख देंगे ।

हजार के अंकों का योग -
पूरी क्रिया ऊपर की भाँति कीजिए ।
(i) 3+2 (शुद्ध) = 5
(ii) 4+5=9
(iii) 5+9 = 14 (शुद्धीकरण होगा) । नीचे के अंक में 4 जोड़ा जायेगा। 
(iv) 9+4=13 (शुद्धीकरण होगा) ।
योग 13 में इकाई के अंक 3 की उत्तर में हजार के स्थान पर लिख देगे।

हजार के बांयी ओर के अंकों का योग-

लगा है। इस स्तम्भ में सभी अंक शून्य (0) हैं जिनमें से केवल 2 अंकों पर शुद्ध बिन्दु
अतः उत्तर में 2 (कुल शुद्ध बिन्दु) लिख देंगे ।
विनकुलम् युक्त संख्याओं का योग :

विनकुलम् युक्त संख्याओं के योग में दो प्रकार की स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती

हैं, जो निम्न है-

पहलो स्थिति -

जब किसी स्तम्भ के धनात्मक अंकों का योग 9 से अधिक अर जाय : माना किसी स्तम्भ के धनात्मक अंक 5 और 7 हैं जिनका योग 12 है।

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