Syl VM || वैदिक गणित पाठ्यकम 02 || कक्षा 6 से 8 तक

कक्षा षष्ठ

1. सख्याएँ :- अंक, धनात्मक अंक, ऋणात्मक अंक, आधार, उपाधार, परममित्र अंक, पड़ोसी अंक, निखिल अंक, चरम अंक,  ।

2. जोड़ना, घटाना, गुणा, भाग की सामान्य जानकारी, 

जोड़ना- उपसूत्र -एकाधिक चिह्न “सूत्र -एकन्यूनेन पूर्वण । 

गुणा -एकन्यूनेन पूर्वेण, एकाधिकेन पूर्वेण । आधार wa SEM Gen से विचलन विधि, ऊर्ध्वतिर्यग्भ्याम्‌ विधि, दो अंकों, तीन अंकों वाली दो संरख्याओं, तीन सरव्याओं का आपस में गुणा। 

भाग -परावर्त्य योजयेत्‌, ऊर्ध्वतिर्यग्भ्याम्‌ -ध्वजांक, एकाधिकेन पूर्वेण।

3. गृुणनखंड

3.1 विभाजनीयता - (2, 3, 4, 5, 6, 7, 6, 9, 1, 13, 15,17, 19, 23, 29 ...)

3.2. महत्तम समापवर्तक -संकलन व्यवकलनाभ्यां विधि

3.3 लघुतम समापवर्त्य -

विलोकनम्‌ एवं आनुरूप्येण विधि। 

बीजगणित : - 

1. गुणा - ऊर्ध्वतिर्यग्भ्याम्‌ विधि

2. भाग - परावर्त्य योजयेत्‌

3. सरल समीकरण - विलोकनम्‌, शून्यं साम्यसमुच्चये'

कक्षा सप्तम

अंकगणित गुणा, 

बीजांक से जाँच

बीजगणित

1. व्यंजकों का गुणनखण्ड (आद्यम्‌ आद्येन अन्त्यम्‌ अन्त्येन)

2. द्विबीजीय व्यंजकों के गुणनखण्ड

रेखागणित

1... बोधायन संख्याएँ गए आर 9 8 7 x

2. इनमें से किस समूह से समकोण त्रिभुज बनता है।.

क) 5, 12, 14

ख) 7, 24, 26

ग) 8, 15, 18

घ)  9, 40, 41

कक्षा अष्टम

अंकगणित :-

1. (क) वर्ग -यावदूनं तावदूनीकृत्य वर्ग च योजयेत्‌

(ख) वर्गमूल-4 अंकों तक की पूर्ण वर्ग संख्या का विलोकनम्‌ विधि से।

(ग) 6 अंकों तक की पूर्ण वर्ग संख्या का वर्गमूल निकालना।

(a) इन्द्र योग विधि से वर्गनूल निकालना।

2. (क) घन- आनुरुप्येण विधि, निखिलम्‌ विधि। |

(स्व) घनमूल - 7 अको तक की पूर्ण घन सख्या का विलोकनम्‌ से।

(ग) 9 अकों की सर्या तक का घनमूल निकालना।

3. यक्रवृद्धि ब्याज एवं समय-गति में गुणा का प्रयोग

4. तीन सरव्याओं का, तीन-तीन अंको का गुणा । (आधार एवं निस्विल सूत्र का प्रयोग)

क्षेत्रमिति -

1 क्षेत्रफल, पृष्ठीय क्षेत्रफल, आयतन, कमरे की चारों दीवारों का पृष्ठीय क्षेत्रफल

बीजगणित

1. गुणन (ऊर्ध्वत्तियग्भ्याम्‌ विधि)

2. बीजीय व्यंजकों के गुणनखवण्ड

(क) 04/2+ 75 + 8 (विलोकनम्‌ द्वारा)

(ख) 042- 72 (संकलन -व्यवकलनाभ्याम्‌ विधि) द

3. बीजीय व्यंजक के भाग

3.1. एकपदीय से परावर्त्य योजयेत्‌ द्वारा भाग

3.2. अहुपदीय से भी भाग |

4. तरल सनीकरण (शून्यं साम्य समुच्चये) क्‍

5. युगपत्‌ समीकरण (ऊर्ध्वतिर्यग्भ्याम्‌ एवं परावर्त्य योजयेत्‌) 

 ध्यान रहे कि उपर्युक्त पाठ्यक्रम अनम्य (Rigid) नहीं है । यह लचीला है और प्रत्येक प्रांत अपने सामान्य्र गणित पाठ्यक्रम के अनुसार आवश्यक परिवर्तन कर सकता है |


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