Nikhilan (निखिलम् सूत्र) – उपाधार प्रयोग
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि ऊपर के ये जो गुणज और गुणनखंड हैं वह अपने संगत आधार संख्या से बने उप -आधार हैं।
जब दो संख्याएँ, जो आधार 10ⁿ या 10 की घात के निकट नही हो तो उनका गुणनफल सूत्र निखिलम् - उपाधार द्वारा ज्ञात किया जाता हैं।
यहां दो स्थितियां सामने आती है।
(1) जब उप आधार, मुख्य आधार का गुणज हो तथा
(2) दूसरी स्थिति वह होती है जब उप आधार, मुख्य आधार का गुणनखंड हो।
गुणा द्वारा
पहली स्थिति में अर्थात जब उप आधार, मुख्य आधार का गुणज हो तो मुख्य पूर्णांक यह आधार अंक प्राप्त करते हैं और उसकी गुणा LHS वाले भाग में करते हैं जबकि RHS वाले भाग को यूं ही छोड़ देते हैं।
भाग द्वारा
दूसरी स्थिति में अर्थात जब उप आधार, मुख्य आधार का गुणनखंड हो तो पूर्णांक यह आधार अंक प्राप्त करते हैं और उसकी भाग LHS में करते हैं जबकि RHS को यूं ही छोड़ देते हैं।
द्वितीय स्थिति
सूत्र पर आधारित विधि:
Dd × De
1. संख्याओं का निकटतम उपाधार चुनकर विचलन ज्ञात करते हैं।
विचलन = संख्या - उपाधार
D d
D e
2. उपाधार के सापेक्ष विचलनों को उनकी संख्या के सामने लिखते हैं।
3. तिरछी रेखा से गुणनफल स्थान के दो भाग करते हैं।
D ±d
D ±e
/
4. दायें पक्ष में विचलनों का गुणनफल लिखते हैं।
LHS / RHS
/ ±d × ±e
5. बायें पक्ष में कोई भी एक संख्या तथा दूसरी संख्या के विचलन का योग कर उसे उपाधार अंक से भाग करके लिख देते हैं।
LHS / RHS
[D+(±e) या D+(±d)]÷UAN / ±d × ±e
6. उपाधार में जितने शून्य हो, उतने ही अंक दायें पक्ष में रखते हैं।
* यदि आधार 10 हो तो दायें पक्ष में एक अंक रखेंगे, दो अंक हो तो दहाई का अंक बायें पक्ष में जोड़ देते हैं।
* यदि आधार 100 हो तो दायें पक्ष में दो अंक रखेंगे, एक अंक हो तो उससे पूर्व 0 लिखते हैं तथा तीन अंक हो तो सैकडे़ का अंक बायें पक्ष में जोड़ देते हैं।
7. विचलनों का गुणनफल यदि ॠणात्मक हो तो बायें पक्ष से आवश्यकतानुसार अंक लेकर दायें पक्ष को धनात्मक में बदलते हैं।
(a) यहां 100 के गुणनखंड के रूप में उप-आधार अंक लिया जा सकता है।
Example (1) 25 X 24
25 +0
24 –1
उप-आधार =25
उप-आधार अंक (UAN) =100/25=4
LHS / RHS
=[25+(–1) या 24+(+0)]÷4/0×–1
=24÷4/00
= 6/00
= 600
संकेत -
1. मुख्य आधार 100 तो उपाधार = 50 (=100/2)
अत:
विचलन = 25 – 25 = +0
विचलन = 24 – 25 = –1
2. दायें पक्ष (RHS) में विचलनों का गुणनफल लिखते हैं।(आधार 100 तो RHS में अंकों की संख्या 2 होगी।)
= (+0)×(–1)
= 00
3. बायें पक्ष (LHS)में एक संख्या व दूसरी संख्या के विचलन का योग को उपाधार अंक से गुणा कर लिखते हैं।
=[25 + (–1)] या [24 + (0)]÷4
= 24 ÷4
= 6
4. अभीष्ट गुणनफल LHS/RHS
= 6/00
= 600
Example (2) 44 X 47
44 –6
47 –3
उप-आधार =50
उप-आधार अंक (UAN) =100/50=2
=[44+(–3)] या [47+(–6)] ÷2/–6×–3
= 41÷2/ 18
41 एक विषम संख्या है। जिसे 2 से भाग करने पर संख्या 20.5 प्राप्त होती है । 0.50 को RHS में ले जाने पर यह 50 हो जाएगा।
= 20.5 / 18
= 20 / 50+18
= 20/68
= 2068
संकेत -
1. मुख्य आधार 100 तो उपाधार = 50 (=100/2)
अत:
विचलन = 44 – 50 = –6
विचलन = 47 – 50 = –3
2. दायें पक्ष (RHS) में विचलनों का गुणनफल लिखते हैं।(आधार 100 तो RHS में अंकों की संख्या 2 होगी।)
= (–6)×(–3)
= 18
3. बायें पक्ष (LHS)में एक संख्या व दूसरी संख्या के विचलन का योग को उपाधार अंक से गुणा कर लिखते हैं।
=[44+(–3)] या [47+(–6)] ÷2/–6×–3
= 41÷2/ 18
= 20.5 / 18
4. अभीष्ट गुणनफल LHS/RHS
41 एक विषम संख्या है। जिसे 2 से भाग करने पर संख्या 20.5 प्राप्त होती है । 0.50 को RHS में ले जाने पर यह 50 हो जाएगा।
= 20 / 50+18
= 20/68
= 2068
Example (3) 54 X 57
54 +4
57 +7
उप-आधार =50
उप-आधार अंक (UAN) =100/50=2
=[54+(+7) या 57+(+4)]÷2 /4x7
= 61÷2/ 28
= 30.5 / 28
= 30 / 50+28
= 307/8
= 3078
संकेत -
1. मुख्य आधार 100 तो उपाधार = 50 (=100/2)
अत:
विचलन = 54 – 50 = +4
विचलन = 57 – 50 = +7
2. दायें पक्ष में विचलनों का गुणनफल लिखते हैं।
= (+4) × (+4)
= 28
3. बायें पक्ष में एक संख्या व दूसरी संख्या के विचलन का योग को उपाधार अंक से गुणा कर लिखते हैं।
=[54+(+7) या 57+(+4)]÷2 /4x7
= 61÷2/ 28
= 30.5 / 28
4. अभीष्ट गुणनफल LHS/RHS
= 30 / 50+28
= 307/8
= 3078
= 3078
(b) जब एक संख्या आधार से बड़ी तथा दूसरी संख्या आधार से छोटी हों तो।
Example (4) 49 X 55
मुख्य आधार 100 तो उपाधार = 50 (=100/2)
49 –1
55 +5
=[49+(+5) या 55+(–1)] ÷2/–1×+5
= 54÷2/ –5
= 27/ –05
[Remove Negative (–) sign]
(Take 1 from 27 and add 100 to –05)
= (27–1)/ (100–05)
= 26/95
= 2695
संकेत
1. मुख्य आधार 100 तो उपाधार = 50 (=100/2)
अत:
विचलन = 49 – 50 = –1
विचलन = 55 – 50 = +5
2. उपाधार से विचलन
49 – 50 = –1
55 – 50 = +5
3. दायाँ पक्ष (RHS)
–1 x +5
= –05 (Main Base =100)
4. बायाँ पक्ष (LHS)
[49+5 या 55 –1] ÷2
= 54 ÷2
= 27
5. अभीष्ट गुणनफल LHS/RHS
= 27/–05
6. ऋणात्मक अंक को धनात्मक अंक में बदलने के लिए बाएं पक्ष में से एक घटा देते हैं (LHS–1) तथा दाएं पक्ष में 10 जोड़ (10+RHS) देते हैं।
= (270–1)/ (10–5)
= 269/5
= 2695
Example (5) 48 X 56
मुख्य आधार 100 तो उपाधार = 50 (=100/2) अतः यहां उप-आधार = 50 है
48 –2
56 +6
=[48+(+6) या 56+(–2)]÷2/–2×+6
= 54÷2/ –12
= 27/ –12
[Remove Negative (–) sign]
(Take 1 from 27 and add 100 to –12)
अतः ऋणात्मक अंक को धनात्मक अंक में बदलने के लिए बाएं पक्ष में से 1 सैकड़ा घटा (LHS–1) तथा दाएं पक्ष में 100 जोड़ (100+RHS) देते हैं।
= (27–1)/ (100–12)
= 26/88
= 2688
संकेत
1. मुख्य आधार 100 तो उपाधार = 50 (=100/2)
2. उपाधार से विचलन
48 – 50 = –2
56 – 50 = +6
3. दायाँ पक्ष (RHS) [Main Base =100]
–2 x +6 = –12
4. बायाँ पक्ष (LHS)
=[48+(+6) या 56+(–2)]÷2
= 54÷2
= 27
5. अभीष्ट गुणनफल LHS/RHS
= 27/–12
6. यहां ऋणात्मक अंक को धनात्मक अंक में बदलने के लिए बाएं पक्ष में से 1 सैकड़ा घटा (LHS–1) तथा दाएं पक्ष में 100 जोड़ (100+RHS) देते हैं।
= (270–1)/ (10–5)
= 269/5
= 2695
Example (8) 68 X 54
मुख्य आधार 100 तो उपाधार = 50 (=100/2)
68 +18
54 +4
=[68+(4) या 54+(+8)]÷2 /+18×4
= 72÷2/72
= 36/ 72
संकेत
1. मुख्य आधार 100 तो उपाधार = 50 (=100/2)
2. उपाधार से विचलन
68 – 50 = +18
54 – 50 = +4
3. दायाँ पक्ष (RHS)
+18 x 4 = 72
4. बायाँ पक्ष (LHS)
[68+4 या 54 +18]÷2
= 72÷2
= 36
5. अभीष्ट गुणनफल LHS/RHS
= 36/72
लेखक
ॐ जितेंद्र सिंह तोमर
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