4. वर्ग एवं वर्गमूल के सूत्र
* किसी संख्या को उसी संख्या से गुणा करने पर जो गुणनफल प्राप्त होता है, उस गुणनफल को उस संख्या का वर्ग कहते हैं तथा उस संख्या को उस गुणनफल का वर्गमूल कहते हैं।
* किसी संख्या n के वर्ग को n2 से प्रदर्शित किया जाता है, जबकि वर्गमूल को √n से प्रदर्शित किया जाता है।
* किसी संख्या का वर्ग करने पर प्राप्त गुणनफल में अंकों की संख्या, संख्या के अंकों के दोगुने या दोगुने से 1 कम होती है।
* यदि संख्या में x अंक है , तो उसके वर्ग में अंकों की संख्या 2x या ( 2x – 1 ) होगी।
* किसी भी संख्या के वर्ग में इकाई स्थान पर 2, 3, 7 व 8 कभी भी नहीं आता है।
* 1 से छोटी संख्या का वर्गमूल उस संख्या से हमेशा बड़ा होता है।
* ऋणात्मक संख्याओं का वर्गमूल एक काल्पनिक संख्या होती है।
* वर्गमूल दो विधियों द्वारा निकाला जाता है
(i) गुणनखण्ड विधि
(ii) भाग विधि
* बड़ी संख्या का वर्गमूल भाग विधि द्वारा निकालना चाहिए।
* यदि किसी संख्या में दशमलव के बाद अंकों की संख्या विषम हो तो अन्त में एक शून्य लगाएं।
* किसी संख्या में दशमलव के बाद जितने अंक होते हैं , वर्गमूल में दशमलव के बाद उसके आधे अंक होते हैं , जैसे किसी संख्या में दशमलव के बाद 4 अंक हैं, तो वर्गमूल में 2 अंक, जैसे:- √0.09 = 0.3
* एक या दो अंकों वाली संख्या का वर्गमूल एक अंक वाली संख्या होती है . तीन या चार अंक वाली संख्या का वर्गमूल दो अंकों वाली संख्या होती है 5 या 6 अंकों वाली संख्या का वर्गमूल 3 अंकों वाली संख्या तथा 6, 7 और 8 अंकों वाली संख्या का वर्गमूल 4 अंकों वाली संख्या होती है।
* यदि किसी संख्या में इकाई के स्थान पर 2, 3, 7 या 8 हो, तो उस संख्या का वर्गमूल पूरा – पूरा नहीं निकलता। अतः दशमलव संख्या में प्राप्त होता है।
* सम संख्या का वर्गमूल सम व विषम संख्या का वर्गमूल विषम होता है।
* किसी पूर्ण वर्ग संख्या के अन्त में शून्यों की संख्या कभी भी विषम नहीं होती।
* सम संख्या का वर्ग सम , विषम संख्या का वर्ग विषम होता है।
* 1 को छोड़कर किसी भी संख्या का वर्ग 3 या 4 के गुणज से 1 अधिक होता है , अथवा 3 या 4 का गुणज होता है।
यदि n कोई धन पूर्णांक है, तो
(n + 1)² – n² = ( n + 1 + n ) ( n + 1 – n)
= ( 2n + 1 )
यथा
(6)² – (5)² = (2 × 5 + 1)
= 11
दो अंकों की संख्या जिसके इकाई स्थान पर 5 हो , का वर्ग निम्न प्रकार करते हैं
(25)² = 2 × 3 ( सैकड़े ) + 52
= 2 × 300 + 25
= 625
तथा
(35)² = 3 × 4 ( सैकड़े ) + 52
= 3x 400 + 25
= 1225
वर्ग एवं वर्गमूल से सम्बंधित सर्वसमिकाएँ :
- √ab = √a × √b
- (ab)½ = √ab = (a)½ × (b)½
- √a/b = √a/√b
- (ab)½ = √a/b = a½b½
- (a+b)2 = a2 + 2ab + b2
- (a –b)2 = a2 – 2ab + b2
- (a+b)2 + (a–b)2 = 2(a2 + b2)
- (a+b)2 – (a–b)2 = 4ab)
- (a+b)4 – (a –b)4 = 8ab(a2 + b2)
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