प्राकृतिक संख्याओं का योग
(Sum of Natural Numbers) :-
हमारे प्राचीन गणितज्ञो ने संकलित अंकयुक्ति द्वारा एक से लेकर किसी भी संख्या तक के अंको का योग निकालने की बिल्कुल सरल विधि बताइए आइए उसको बता दे।
इस युक्ति के अन्तर्गत 1 से शुरू कर के n वे अंक तक की सभी संख्याओं के योग का आसानी से ज्ञात किया जा सकता है।
इसके लिए सर्वप्रथम श्रीधराचार्य जी ने इस सूत्र का वर्णन किया है —
सैकपदाहतपददमेकादिचयेन भवति संकलितम् ।
(—त्रिशतिका, पृष्ठ - 23)
अर्थात :-
1 सहित अन्तिम (last) पद (term) या संख्या (n) को अंतिम संख्या से गुणा करें तथा उसका फल या द्विभाग करें।
इससे 1 तथा उसके साथ क्रमशः 1 को जोड़ने से प्राप्त संख्याओं का संकलित या जोड़ प्राप्त होता है।
इसी नियम को भास्कराचार्य जी ने इन शब्दों में प्रकट किया है —
सैकपदघ्नपदार्धमथैकाद्यंकयुतिः किल संकलिताख्या ।
(—लीलावती, श्रेढ़ी व्यवहार, श्लोक - 1)
अर्थात :-
1 से जुड़कर बनने वाली क्रमिक संख्याओं के योग के लिए उस श्रेढ़ी के अंतिम पद (n) में जोड़ कर पद को आधे (half) से गुणा करना चाहिए।
इसे संकलित कहते हैं।
इससे हमें यह सूत्र प्राप्त होता है —
1 + 2 + 3 + 4 + - - - + अंतिम पद (n) का योग = ½ × n × ( n + 1)
उदाहरण :- 1 + 2 + 3 + - - - + 5 ज्ञात करो।
हल:
इस नियम के अनुसार 1 से 5 तक के संख्याओं का योग इस प्रकार होगा।
यहाँ अंतिम पद (n) = 5 है।
= ½ × 5 × ( 5 + 1)
= ½ × 5 ×6
= 15
उदाहरण :- 1 + 2 + 3 + - - - + 10 ज्ञात करो।
हल:
नियम के अनुसार 1 से 10 तक के संख्याओं का योग इस प्रकार होगा।
यहाँ अंतिम पद (n) = 10 है।
= ½ × 10 × ( 10 + 1)
= 5 × 11
= 55 (उत्तर)
उदाहरण :- 1 + 2 + 3 + - - - + 15 का योग ज्ञात करो।
हल:
नियम के अनुसार 1 से 15 तक के संख्याओं का योग इस प्रकार होगा।
यहाँ अंतिम पद (n) = 15 है।
= ½ × 15 × ( 15 + 1)
= ½ × 15 ×16
= 120
उदाहरण :- 1 + 2 + 3 + - - - + 50 का योग ज्ञात करो।
हल:
नियम के अनुसार 1 से 50 तक के संख्याओं का योग इस प्रकार होगा।
यहाँ अंतिम पद (n) = 50 है।
= ½ × 50× ( 50 + 1)
= 25 × 51
= 1275
उदाहरण :- 1 + 2 + 3 + - - - + 100 का योग ज्ञात करो।
हल:
नियम के अनुसार 1 से 100 तक के संख्याओं का योग इस प्रकार होगा।
यहाँ अंतिम पद (n) = 100 है।
= ½ × 100× ( 100 + 1)
= 50 × 101
= 5050
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