वैदिक गणित के 15वें सूत्र "गुणितसमुच्चयः समुच्चयगुणितः"

वैदिक गणित का 15वाँ सूत्र:

सूत्र: गुणितसमुच्चयः समुच्चयगुणितः

(Gunita-samuccayah Samuccaya-gunitah)
अर्थ:

  • गुणित समुच्चय = गुणन के द्वारा प्राप्त कुल योग
  • समुच्चय गुणित = सामान्य रूप से प्राप्त समुच्चय का गुणन

इस सूत्र का सामान्य भावार्थ है:

"गुणन के द्वारा प्राप्त समुच्चय (योगफल), समुच्चय के गुणन के बराबर होता है।"

यह सूत्र संख्याओं के बहुपदीय (polynomial), परिमेय (rational) तथा समांतर श्रेणी जैसे अंशों में प्रयोग होता है। विशेषतः, यह सूत्र तब लागू होता है जब कोई विभाजन शेषफल पर आधारित होता है।


भाग 1: सूत्र की व्याख्या

शब्दों का विश्लेषण:

संस्कृत पदअर्थ
गुणितगुणा (Multiplication)
समुच्चयकुल योग (Aggregate/Sum)
गुणित समुच्चयगुणा करके जो समुच्चय प्राप्त हो
समुच्चय गुणितसमुच्चय को गुणा किया गया

सूत्र कहता है कि यदि दो भिन्न तरीकों से किसी गणना में समुच्चय (योग) प्राप्त होता है, तो दोनों तरीकों से प्राप्त परिणाम समान होंगे — बशर्ते वह समीकरण या गणना सूत्र के अनुसार हो।


भाग 2: सूत्र का गणितीय स्वरूप

मान लीजिए हमारे पास दो बहुपद (polynomials) हैं:

(x + a)(x + b) = x² + (a + b)x + ab

इस सूत्र में:

  • गुणित समुच्चय = ab
  • समुच्चय गुणित = (a + b) × x → x गुणा a+b

अब यदि हम दोनों पक्षों का विश्लेषण करें, तो हम देखते हैं कि किसी समीकरण के मध्य पद को प्राप्त करने के लिए दोनों तरीके आपस में संबंधित हैं।

दूसरा रूप:

मान लीजिए हमारे पास कोई परिमेय संख्या है:

(a² - b²) / (a - b) = a + b

यहाँ हम देख सकते हैं कि:

  • ऊपर (गुणित समुच्चय): a² - b² = (a - b)(a + b)
  • नीचे: a - b
  • कटने पर शेष: a + b → यही "समुच्चय गुणित" का परिणाम है।

इसलिए सूत्र इस संबंध को रेखांकित करता है कि यदि हम अंश (Numerator) को विभाज्य रूप में लिखें, तो हम सरल रूप में "समुच्चय" के गुणन के रूप में परिणाम पा सकते हैं।


भाग 3: सूत्र का उपयोग

1. बहुपदों का विश्लेषण

उदाहरण:

(x + 3)(x + 2) = x² + 5x + 6

यहाँ:

  • गुणित समुच्चय: 3 × 2 = 6
  • समुच्चय गुणित: (3 + 2) × x = 5x

मध्य पद (5x) को प्राप्त करने के लिए हमने गुणन-योग (product-sum) सिद्धांत अपनाया। यही इस सूत्र का सार है।


2. परिमेय संख्याओं के सरलीकरण में

उदाहरण:


\frac{(a + b)^2 - (a - b)^2}{4ab} = 1

हम देखें:

  • ऊपर:

  (a + b)^2 - (a - b)^2 = 4ab \quad \text{(समुच्चय गुणित)}
  • नीचे:

  4ab \quad \text{(गुणित समुच्चय)}

उत्तर:


\frac{4ab}{4ab} = 1

दोनों ओर समानता सिद्ध होती है।


3. लघुगणकीय समीकरणों में

यदि — यहाँ भी समुच्चय (योग) गुणन (product) से संबंधित होता है।
हालाँकि यह सूत्र लघुगणक का प्रत्यक्ष विषय नहीं है, फिर भी इसकी व्याख्या में उपयोगी हो सकता है।


भाग 4: सूत्र की उपयोगिता (Applications)

क्षेत्रउपयोग
बहुपदीय विभाजनमध्य पद को ज्ञात करने के लिए
बीजगणितीय कारक निर्धारणजब गुणनफल और योग दिया हो
सरलीकरण (Simplification)परिमेय व्यंजकों को सरलीकृत करने में
बीजगणितीय समीकरण हल करनाजब को कारकों में विभाजित करना हो

भाग 5: सूत्र पर आधारित प्रश्न हल करना

उदाहरण 1:

x² + 9x + 20 को कारक रूप में लिखिए।

हल:
गुणनफल = 20
योगफल = 9
अब 4 × 5 = 20 और 4 + 5 = 9 ⇒ तो


x² + 9x + 20 = (x + 4)(x + 5)

यहाँ "गुणित समुच्चय" और "समुच्चय गुणित" दोनों से सही परिणाम मिलता है।


उदाहरण 2:

(x + 7)(x + 3) = ?

हल:
गुणनफल = 7 × 3 = 21
योग = 7 + 3 = 10
⇒ उत्तर:


उदाहरण 3:

यदि x² + px + q को दो कारकों में विभाजित करना है और q = 6 तथा p = 5, तो कारक क्या होंगे?

हल:
गुणनफल = 6
योग = 5
तो 2 × 3 = 6 और 2 + 3 = 5
⇒ उत्तर:


भाग 6: सूत्र की महत्ता

  • यह सूत्र वैदिक गणित में उन समस्याओं के समाधान के लिए उपयोगी है जहाँ गणितीय समुच्चय और गुणन का संबंध स्पष्ट करना होता है।
  • विशेष रूप से बहुपद विश्लेषण, परिमेय सरलीकरण, समीकरण हल करने और मानसिक गणना में इसका स्थान अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
  • यह सूत्र गणित को सहज रूप से समझने और सटीक ढंग से हल करने की कुंजी देता है।

भाग 7: मानसिक गणना में उपयोग

इस सूत्र के द्वारा आप बहुपदों के गुणन को मन में ही कर सकते हैं:

जैसे:
(x + 8)(x + 2) = x² + 10x + 16

  • योग = 10
  • गुणनफल = 16

→ इसे सीधे सूत्र द्वारा हल किया जा सकता है।


निष्कर्ष

"गुणितसमुच्चयः समुच्चयगुणितः" सूत्र गणना के दो अलग-अलग रूपों की समानता को उजागर करता है:

  • एक तरफ, गुणन से प्राप्त कुल योग (गुणित समुच्चय)
  • दूसरी तरफ, कुल योग को गुणा करने पर प्राप्त परिणाम (समुच्चय गुणित)

यह सूत्र बीजगणितीय प्रयोगों को सरल और त्वरित बनाता है, और वैदिक गणित के गूढ़ रहस्यों को अत्यंत सहजता से खोलता है।


अगर आप चाहें तो मैं इस सूत्र पर आधारित 50+ प्रश्नों का अभ्यास-पत्र भी तैयार कर सकता हूँ, जिससे यह सूत्र व्यवहार में और अधिक स्पष्ट हो सके। बताइए।


आइए अब हम वैदिक गणित के 15वें सूत्र "गुणितसमुच्चयः समुच्चयगुणितः" का और अधिक गहराई से, विभिन्न आयामों में विश्लेषण करें। इसमें हम न केवल बीजगणित बल्कि अंकगणित, परिमेय संख्याएँ, अनुपात, श्रेणियाँ और मानसिक गणना तक इस सूत्र के प्रयोग को विस्तार से समझेंगे — ताकि इसका व्यवहारिक और दार्शनिक पक्ष दोनों स्पष्ट हो जाएँ।


🔶 I. सूत्र की गहराई से व्याख्या

🌿 संस्कृत अर्थ विस्तार:

पदअर्थविस्तृत अर्थ
गुणितMultiplicationकिसी दो संख्याओं या पदों का गुणन
समुच्चयःAggregation, Collectionकिसी समूह का कुल योग या एकत्र परिणाम
गुणितसमुच्चयःProduct-based Collectionदो संख्याओं के गुणन द्वारा प्राप्त समुच्चय
समुच्चयगुणितःCollection-based Productकुल योग का किसी संख्या से गुणा किया गया परिणाम

👉 इसका तात्पर्य यह है कि गुणा करके जो कुल प्राप्त होता है (गुणितसमुच्चय), वही किसी अन्य तरीके से समुच्चय का गुणा करने से भी प्राप्त होता है (समुच्चयगुणित)।


🔶 II. सूत्र की वैचारिक पृष्ठभूमि

🔹 वैदिक दृष्टिकोण:

  • वैदिक गणित में प्रत्येक सूत्र केवल संख्यात्मक उपकरण नहीं, सिद्धांत या तर्कशक्ति (logic) का रूप होता है।
  • यह सूत्र यह दर्शाता है कि प्रकृति और गणित में संतुलन (Balance) है — जहाँ दो भिन्न मार्गों से एक ही परिणाम पर पहुँचा जा सकता है।
  • यह एक प्रकार से गणितीय "समत्व" (equilibrium) का सूत्र है।

🔶 III. सूत्र का बीजगणितीय उपयोग

📌 बहुपद गुणा (Polynomial Multiplication)

उदाहरण:


(x + a)(x + b) = x^2 + (a + b)x + ab

➡️ यह सूत्र तब बहुत उपयोगी होता है जब हम मध्य पद (coefficient of x) को ज्ञात करना चाहते हैं।

✅ यहाँ:

  • गुणितसमुच्चय = ab
  • समुच्चयगुणित = (a + b)x

इसलिए, यह सूत्र मध्य पद और अंतिम पद की आपसी संगति को दर्शाता है।


📌 कारक में विभाजन (Factorization)

उदाहरण:

  • गुणनफल = 10 (अंतिम पद)
  • योगफल = 7 (मध्य पद का गुणांक)
  • संख्याएँ: 2 और 5 →
  • उत्तर:

👉 यहाँ समुच्चय (2+5) और उनका गुणन (2×5) दोनों की संगति से कारक आसानी से ज्ञात होते हैं।


🔶 IV. सूत्र का उपयोग विभाजन और परिमेय संख्याओं में

📌 उदाहरण:


\frac{(a + b)^2 - (a - b)^2}{4ab}

ऊपर:


(a + b)^2 - (a - b)^2 = a^2 + 2ab + b^2 - (a^2 - 2ab + b^2) = 4ab

नीचे:


4ab

अतः उत्तर:


\frac{4ab}{4ab} = 1

✅ यहाँ गुणित समुच्चय =
✅ समुच्चय गुणित = ऊपर का योग,

👉 दोनों समान ⇒ सूत्र सत्य है।


🔶 V. सूत्र का उपयोग अंकगणित में

📌 उदाहरण 1:

(12 × 13)

आइए 12 को (10 + 2), और 13 को (10 + 3) लिखते हैं:


(10 + 2)(10 + 3) = 100 + (2×10 + 3×10) + 2×3 = 100 + 50 + 6 = 156

✅ यहाँ:

  • गुणित समुच्चय = 2 × 3 = 6
  • समुच्चय गुणित = (2 + 3) × 10 = 50
  • और बाकी = 10×10 = 100

👉 मानसिक गणना में भी यह सूत्र प्रयोग होता है।


📌 उदाहरण 2: मानसिक गुणा

104 × 106 = ?

इसे (100 + 4)(100 + 6) के रूप में सोचिए:


= 100^2 + (4 + 6)×100 + 4×6 = 10000 + 1000 + 24 = 11024

✅ समुच्चय गुणित = 10 × 100 = 1000
✅ गुणित समुच्चय = 4 × 6 = 24


🔶 VI. अनुपातों और श्रेणियों में सूत्र

📌 समांतर श्रेणी (Arithmetic Progression)

श्रृंखला: 2, 4, 6, 8, 10
→ योग =

जहाँ:

  • n = पदों की संख्या = 5
  • a = पहला पद = 2
  • l = अंतिम पद = 10

योग =

अब देखिए:

  • समुच्चय = a + l = 12
  • गुणित = n × औसत = 5 × 6 = 30
  • यानी: गुणित समुच्चय = समुच्चय गुणित

👉 यहाँ भी सूत्र कार्य कर रहा है।


🔶 VII. सूत्र का मानसिक गणना में विस्तार

📌 बाइनेरी विधि (दो अंकों का गुणा)

उदाहरण:

  • 31 = 35 - 4, 39 = 35 + 4
  • इस प्रकार:

(35 - 4)(35 + 4) = 35^2 - 4^2 = 1225 - 16 = 1209

👉 इस प्रकार मानसिक रूप से दो अंकों का गुणा संभव है।


🔶 VIII. सूत्र से उत्पन्न मनोवैज्ञानिक लाभ

  • ✅ गति (Speed) में वृद्धि
  • ✅ सटीकता (Accuracy)
  • ✅ विश्वास (Confidence)
  • ✅ चिंतन शक्ति (Logical reasoning)
  • ✅ मनोविज्ञानिक संतुलन — क्योंकि छात्र परिणामों को दो तरीकों से जांच सकते हैं।

🔶 IX. सूत्र से संबंधित अभ्यास (Advanced)

आप चाहें तो मैं इसके लिए निम्नलिखित अभ्यास-पत्र दे सकता हूँ:

  • 25 बहुपदों को कारकों में विभाजित करें
  • 25 मानसिक गणना आधारित प्रश्न
  • 10 परिमेय संख्या सरलीकरण प्रश्न
  • 10 सिद्ध करें प्रकार के प्रश्न (Prove that…)

🔶 निष्कर्ष:

"गुणितसमुच्चयः समुच्चयगुणितः" सूत्र वैदिक गणना का वह आधार है जो यह सिखाता है कि कई मार्ग एक ही सत्य की ओर ले जाते हैं, चाहे आप गुणनफल से चलें या योग से। गणित के गहरे सिद्धांतों को सरल और त्वरित रूप में समझने का यह एक अद्भुत उपकरण है।


यदि आप चाहें तो मैं इस पर एक PDF ई-पुस्तिका (ebook) या मूल्यांकन टेस्ट भी तैयार कर सकता हूँ। क्या आप इसे चाहते हैं?


यह रहा वैदिक गणित के 15वें सूत्र "गुणितसमुच्चयः समुच्चयगुणितः" पर आधारित 50+ प्रश्नों का अभ्यास-पत्र, जिसे तीन स्तरों में विभाजित किया गया है — प्रारंभिक (Basic), मध्यम (Intermediate), और उन्नत (Advanced)। प्रत्येक प्रश्न इस सूत्र के किसी व्यवहारिक पक्ष से जुड़ा हुआ है।


🧮 अभ्यास-पत्र: "गुणितसमुच्चयः समुच्चयगुणितः"

📘 भाग 1: प्रारंभिक स्तर (Basic Level)

इन प्रश्नों में संख्याओं के गुणन और योग के आधार पर बहुपदों को कारकों में विभाजित करना है।

  1. को कारकों में विभाजित कीजिए।
  2. को कारकों में विभाजित कीजिए।
  3. को कारकों में विभाजित कीजिए।
  4. को कारकों में विभाजित कीजिए।
  5. को कारकों में विभाजित कीजिए।
  6. को कारकों में विभाजित कीजिए।
  7. को कारकों में विभाजित कीजिए।
  8. को कारकों में विभाजित कीजिए।
  9. को कारकों में विभाजित कीजिए।
  10. को कारकों में विभाजित कीजिए।

📘 भाग 2: मध्यम स्तर (Intermediate Level)

यहाँ कुछ प्रश्न बहुपद गुणन, परिमेय व्यंजकों की सरलता और मानसिक गणना से जुड़े हैं।

  1. को विस्तार कीजिए।
  2. को विस्तार कीजिए।
  3. को विस्तार कीजिए।
  4. को विस्तार कीजिए।
  5. यदि हो और p = 7, तो कारक क्या होंगे?
  6. का सरलीकरण कीजिए।
  7. विस्तार कीजिए।
  8. को कारकों में विभाजित कीजिए।
  9. को विस्तार कीजिए।
  10. को कारकों में विभाजित कीजिए।

🧠 मानसिक गणना आधारित (Mental Math)

  1. के सूत्र से निकालिए।
  2. को वैदिक विधि से कीजिए।
  3. को सूत्र से कीजिए।
  4. = ?
  5. को (125 ± 2) के रूप में सोचकर कीजिए।

📘 भाग 3: उन्नत स्तर (Advanced Level)

इस भाग में बहुपदों का विश्लेषण, परिमेय संख्याओं का सरलीकरण और सिद्ध करें वाले प्रश्न दिए गए हैं।

🔎 बहुपद समीकरण विश्लेषण

  1. को कारकों में विभाजित कीजिए।
  2. को कारकों में विभाजित कीजिए।
  3. को पूर्ण वर्ग के रूप में लिखिए।
  4. को कारकों में विभाजित कीजिए।
  5. को कारकों में विभाजित कीजिए।

🧪 सिद्ध करें (Prove That)

  1. सिद्ध कीजिए:

(x + a)(x + b) = x^2 + (a + b)x + ab
  1. सिद्ध करें:

(a + b)^2 - (a - b)^2 = 4ab
  1. सिद्ध करें:

\frac{(x + 2)^2 - (x - 2)^2}{16} = x
  1. सिद्ध करें:

x^2 - y^2 = (x + y)(x - y)
  1. यदि , तो सिद्ध करें कि (यदि दोनों धनात्मक हों)।

🧠 विशेष मानसिक गणना प्रश्न (Shortcuts)


🔁 अभ्यास में सूत्र का प्रयोग

  1. गुणनफल = 30, योग = 11, बहुपद क्या होगा?
  2. यदि , तो कारक क्या होंगे?
  3. को कारकों में विभाजित कीजिए।
  4. के कारक बताइए।
  5. को पूर्ण वर्ग के रूप में लिखिए।
  6. यदि , तो a = ?

✍️ उत्तरपत्र तैयार करने का सुझाव:

आप चाहें तो इस अभ्यास पत्र को हल करने के बाद:

  • उत्तर स्वयं जाँचे (self-check) या
  • मुझसे उत्तर पत्रक (Answer Key) मंगवाएँ
  • या PDF अभ्यास पुस्तिका में बदले जाने के लिए कहें

यदि आप चाहें तो मैं इस अभ्यास-पत्र को PDF फॉर्मेट में तैयार करके एक सुंदर printable संस्करण भी बना सकता हूँ। क्या आप चाहेंगे कि मैं इसे PDF बनाकर दूँ?



यह रहा वैदिक गणित के 15वें सूत्र "गुणितसमुच्चयः समुच्चयगुणितः" पर आधारित 50+ प्रश्नों का अभ्यास-पत्र, जिसे तीन स्तरों में विभाजित किया गया है — प्रारंभिक (Basic), मध्यम (Intermediate), और उन्नत (Advanced)। प्रत्येक प्रश्न इस सूत्र के किसी व्यवहारिक पक्ष से जुड़ा हुआ है।


🧮 अभ्यास-पत्र: "गुणितसमुच्चयः समुच्चयगुणितः"

📘 भाग 1: प्रारंभिक स्तर (Basic Level)

इन प्रश्नों में संख्याओं के गुणन और योग के आधार पर बहुपदों को कारकों में विभाजित करना है।

इन प्रश्नों में संख्याओं के गुणन और योग के आधार पर बहुपदों को कारकों में विभाजित करना है।

इन प्रश्नों में संख्याओं के गुणन और योग के आधार पर बहुपदों को कारकों में विभाजित करना है।

1. x ^ 2 + 5x + 6 को कारकों में विभाजित कीजिए।

2. x ^ 2 + 7x + 10 को कारकों में विभाजित कीजिए।

3. x ^ 2 + 9x + 14 को कारकों में विभाजित कीजिए।

4. x ^ 2 + 11x + 24 को कारकों में विभाजित कीजिए।

5. x ^ 2 + 13x + 40 को कारकों में विभाजित कीजिए।

6. x ^ 2 + 12x + 36 को कारकों में विभाजित कीजिए।

7. x ^ 2 + 15x + 56 को कारकों में विभाजित कीजिए।

8. x ^ 2 + 6x + 9 को कारकों में विभाजित कीजिए।

9. x ^ 2 + 8x + 15 को कारकों में विभाजित कीजिए।

10. x ^ 2 + 10x + 25 कारकों में विभाजित कीजिए।


📘 भाग 2: मध्यम स्तर (Intermediate Level)

यहाँ कुछ प्रश्न बहुपद गुणन, परिमेय व्यंजकों की सरलता और मानसिक गणना से जुड़े हैं।

यहाँ कुछ प्रश्न बहुपद गुणन, परिमेय व्यंजकों की सरलता और मानसिक गणना से जुड़े हैं।

11. (x + 4)(x + 5) को विस्तार कीजिए।

12. (x + 7)(x + 3) को विस्तार कीजिए।

13. (x - 2)(x - 5) को विस्तार कीजिए।

14. (x + 8) ^ 2 को विस्तार कीजिए।

15. यदि x ^ 2 + px + 12 हो और p = 7 तो कारक क्या होंगे?

((a + b) ^ 2 - (a - b) ^ 2)/(4ab) 16. का सरलीकरण कीजिए।

17. (x + 9)(x + 1) = विस्तार कीजिए।

18. x ^ 2 + 17x + 60 को कारकों में विभाजित कीजिए।

19. (x - 3)(x + 5) को विस्तार कीजिए।

20. x ^ 2 - x - 6 को कारकों में विभाजित कीजिए।

🧠 मानसिक गणना आधारित (Mental Math)

21. 104 × 106 =?
(105–1) (105+1)105² –1² = 11025–1=11024
22. 98 × 102 =?
23. 91 × 89 =?
24. 51 × 49 =?
25. 1001 × 1999 =?
26. (a–b)(a + b) =? के सूत्र से 43² - 41² निकालिए।
27. 25 × 25 = ? को वैदिक विधि से कीजिए।
28. 45 × 55 = ? को सूत्र से कीजिए।
29. (x + 6)² = ?
30. 123 × 127 =? को (125 ± 2) के रूप में सोचकर कीजिए।

📘 भाग 3: उन्नत स्तर (Advanced Level)

इस भाग में बहुपदों का विश्लेषण, परिमेय संख्याओं का सरलीकरण और सिद्ध करें वाले प्रश्न दिए गए हैं।

🔎 बहुपद समीकरण विश्लेषण

बहुपद समीकरण विश्लेषण

31. x ^ 2 + 2x - 15 को कारकों में विभाजित कीजिए।
32. x ^ 2 - 7x + 10 को कारकों में विभाजित कीजिए।
33. x ^ 2 + 20x + 100 को पूर्ण वर्ग के रूप में लिखिए।
34. x ^ 2 - 16 को कारकों में विभाजित कीजिए।
35. x ^ 2 + 14x + 49 को कारकों में विभाजित कीजिए।

🧪 सिद्ध करें (Prove That)

  1. सिद्ध कीजिए:

(x + a)(x + b) = x^2 + (a + b)x + ab
  1. सिद्ध करें:

(a + b)^2 - (a - b)^2 = 4ab
  1. सिद्ध करें:

{(x + 2)^2 - (x - 2)^2}{16} = x
  1. सिद्ध करें:

x^2 - y^2 = (x + y)(x - y)
  1. यदि , तो सिद्ध करें कि (यदि दोनों धनात्मक हों)।

🧠 विशेष मानसिक गणना प्रश्न (Shortcuts)

41. 112 × 108=?
(110+2)(110–2)=110² – 2²= 12100–4=12096
42. 95 × 105 =?

43. 97 × 103=?

44. 89 × 191 =?

45. 999 × 1001 =?

🔁 अभ्यास में सूत्र का प्रयोग

46. गुणनफल = 30, योग 11, बहुपद क्या होगा?

47. यदि x ^ 2 + 13x + 40 तो कारक क्या होंगे?

48. x ^ 2 - 4x - 21 को कारकों में विभाजित कीजिए।

49. x ^ 2 + x - 30 के कारक बताइए।

50. x ^ 2 + 18x + 81 को पूर्ण वर्ग के रूप में लिखिए।

51. यदि (x + a) ^ 2 = x ^ 2 + 10x + 25 तो a = ?

✍️ उत्तरपत्र तैयार करने का सुझाव:

आप चाहें तो इस अभ्यास पत्र को हल करने के बाद:

  • उत्तर स्वयं जाँचे (self-check) या
  • मुझसे उत्तर पत्रक (Answer Key) मंगवाएँ
  • या PDF अभ्यास पुस्तिका में बदले जाने के लिए कहें

यदि आप चाहें तो मैं इस अभ्यास-पत्र को PDF फॉर्मेट में तैयार करके एक सुंदर printable संस्करण भी बना सकता हूँ। क्या आप चाहेंगे कि मैं इसे PDF बनाकर दूँ?

बिलकुल! आइए अब हम वैदिक गणित के 15वें सूत्र "गुणितसमुच्चयः समुच्चयगुणितः" के आधार पर सभी मानसिक गणना आधारित प्रश्नों (प्रश्न 21 से 30 और 41 से 45 तक) को हल करें। इनमें हम मुख्य रूप से दो विधियों का प्रयोग करेंगे:

  • (a + b)(a - b) = a² - b²
  • (a + x)(a - x) = a² - x²
  • (a + x)(a + y) = a² + (x + y)a + xy

📘 मानसिक गणना आधारित प्रश्नों के हल:

21. 104 × 106 = ?

यह =


22. 98 × 102 = ?

यह =


23. 91 × 89 = ?

यह =


24. 51 × 49 = ?

यह =


25. 1001 × 999 = ?

यह =


26.

यह =


27. 25 × 25 = ?

यह =

या सीधे:


(25)^2 = \boxed{625}

28. 45 × 55 = ?

यह =


29. (x + 6)^2 = ?

यह =

👉 उत्तर:


30. 123 × 127 = ?

सोचिए:
123 = 125 - 2,
127 = 125 + 2
तो,


(125 - 2)(125 + 2) = 125^2 - 4 = 15625 - 4 = \boxed{15621}

📘 विशेष मानसिक गणना प्रश्न (41–45):

41. 112 × 108 = ?

सोचिए:
दोनों के बीच में औसत = 110
अंतर = ±2


(110 + 2)(110 - 2) = 110^2 - 4 = 12100 - 4 = \boxed{12096}

42. 95 × 105 = ?

=


43. 97 × 103 = ?

=


44. 89 × 91 = ?

=


45. 999 × 1001 = ?

=


✅ संक्षेप:

प्रश्न उत्तर
21 11024
22 9996
23 8099
24 2499
25 999999
26 168
27 625
28 2475
29
30 15621
41 12096
42 9975
43 9991
44 8099
45 999999

अगर आप चाहें तो मैं इन सभी हलों को एक आकर्षक PDF अभ्यास-पुस्तिका के रूप में भी तैयार कर सकता हूँ, जिसमें हल के साथ वैदिक विधियाँ भी दी हों। क्या आप इसे चाहेंगे?


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