04.4.1 वैदिक गणित का तीसरा नियम निखिलम सूत्र। निखिलं सूत्र द्वारा गुणा (1)

4.4.1 वैदिक गणित का तीसरा नियम निखिलम सूत्र।  

निखिलं नवतः चरमं दशतः।

निखिलं सूत्र

निखिलं नवतः चरमं दशतः का अर्थ और गुणा (multiplication) भाग (division) में इसका प्रयोग उदाहरण सहित।

निखिलं नवतः चरमं दशतः' सूत्र का अर्थ और गुणा(multiplication) करने में इसका प्रयोग, उदाहरण सहित।

A . गुणा करने में. 

गुणा करने के और भी सूत्र हैं. इस (निखिलं नवतः चरमं दशतः) सूत्र के प्रयोग से केवल आधार  (10,100,1000,10000,..अथवा उपाधार)के निकट के संख्याओं का गुणन किया जाता है. 
जैसे :- 98 x 99, 94 x 86 ,93x75, 102 x 97 , 103 x 107 ,  -- ये सभी संख्याओं के जोड़े(pairs) 100 के निकट हैं.

आइये अब हम निखिलं विधि से गुणा करना सीखते हैं.
98 x 99 = 
  •  इस में 98 और 99 क्रमशः 100 से 2 और 1 कम हैं इसलिए इनके सामने -02 और -01 लिखा गया है.
  • -02 x -01 = 02 उत्तर/गुणनफल के दाएं तरफ लिखा गया है.
  • 98-01 या 99-02 या 100-(01+02) =97 .उत्तर/गुणनफल के बाएं तरफ लिखा गया है.
  • और इस तरह से 98x99 = 9702. 


94 x 86= 
  • 94 और 86 क्रमशः 100 से 6 और 14 कम हैं इसलिए इनके सामने -06 और -14 लिखा गया.
  • दाएं तरफ : -14 x -6= +84.
  • बाएं तरफ : 86-06 या 94-14 = 80.
  • अतः 94x86= 8084. 


                                                              
93 x 75 =
  • 93 और 75 क्रमशः 7 और 25 अंतर रखते हैं आधार (100) से.
  • दाएं तरफ :   -7 x -25 =175= 175  (क्योकि आधार में दो शून्य हैं इसलिए केवल दो ही अंक दाएं तरफ आ सकते हैं).
  • बाएं तरफ :  75-7 = 68. और 68 + 1 = 69.
  • इस तरह 93x75=6975.


102 x 97 =
  • 102 आधार से 2 अधिक है, 97 आधार से 3 कम है इसलिए इनके सामने क्रमशः +2 और -3 लिखा गया.
  • दाएं तरफ : +2 x  -3 = -06  (-6 नहीं,क्योंकि आधार 100 में दो शून्य हैं).
  • बाएं तरफ : 97+2 या 102-3 = 99.
  • दाएं ओर ऋणात्मक (negative) आने के कारण दाएं की संख्या का पूरक(06 का पूरक = 94) लिखा गया और बाएं की संख्या से 1 कम कर दिया गया.
  • इस तरह से 102 x  97 = 9894.


ऊपर के उदाहरणों से आप समझ गए होंगे कि  --
  1. दाएं तरफ में अंको की संख्या दो ही हो सकते हैं. यदि आधार 10 होता तो एक संख्या और यदि आधार 1000 होता तो तीन संख्या होते.
  2. यदि  दाएं तरफ  अधिक अंक आ जाते हैं तो उस  अंक  को बाएं तरफ जोड़ दिया जाता है.
  3. यदि दाएं तरफ  ऋणात्मक  आ जाये तो  उसका पूरक लिखते हैं और बाएं तरफ एक घटा लिया जाता है.  


103 x 107 =
  • 103 और 107 आधार से क्रमशः 3 और 7 अधिक है इसलिए उनके सामने  +03 और +07 लिखा गया है.
  •  दाएं तरफ  :+3 x +7 = 21.
  • बाएं तरफ : 103+7=110.
  • इस तरह से 103 x 107 =11021.   



107 x 96 = 103/-28 = 102/72 =10272.

85 x 87 = 72/(-15 x -13) 
  • यहाँ 15 x 13 के लिए भी 'निखिलं' से ही --दोनों आधार 10 से क्रमशः 5 और 3 अधिक हैं.
  • इसलिए (15+3 या 13+5=18)  / (5 x 3=15 =15)  अर्थात 18/15 = 195.
  • इस तरह से --- 72/(-15 x -13) = 72/ (195) =72/195 = 73 / 95.
  • अतः 85x87 = 7395.

 85 x  87 या इस तरह के अन्य संख्याएँ जो किसी आधार संख्या के निकट हैं तो ---- इनका आधार से विचलन (कमी या अधिकता) तीन प्रकार का हो सकता है 
  • 1 एक (या  दोनों) संख्या 10 से नीचे जैसे:- 94 x 86 में, 98 x 99 में.
इस स्थिति में दोनों संख्या का गुणा आसान है. जैसे 94 x 86 में  6 x 14= 84.अतः इसके लिए सामान्य गुणा से दायाँ पक्ष प्राप्त करें.

  • 2.  दोनों संख्या 10-20 के बीच के हों. जैसे :- 85 x 87 में -13 और -15 है.

इस स्थिति में एक बीजगणितीय सूत्र  का प्रयोग करेंगे-- 
(10 + a )(10 + b) 
=(10+a)10 + (10+a)b 
= (10+a+b)10 + a.b

15 x 13 
= (15 + 3)10 + 5x3 
= 195.

17 x 18 = (17 + 8)10 + 7x8 = 250 + 56 = 306. 
12 x 13 = (13 + 2)10 + 3x2 = 156. 

  
  • 3एक या दोनों 20 से अधिक हों. जैसे 76 x 69 में. 


इस स्थिति में 'ऊर्ध्वतिर्यग्भ्यां' सूत्र का प्रयोग करेंगे. 'ऊर्ध्वाधर और तिर्यक' का नियम इस पर लगाया जाता है.

24 x 31 = 2x3 / (2x1+ 4x3) / 4x1  = (दाएं से बाएं) 6 / 14 / 4  = (6+1) /4/4  =744. 




कुछ और उदाहरण 
  1. 1111x1002= 1111+2 /111x2 =1113/222 =1113222. 
  2. 123 x 82 =123-18/23x(-18) =105/-414 = 104/586 =104586.
  3. 15x16 =15+6/6x5 =21/30 =21+3/0 =240.
  4. 123x114 =123+14/23x14 =137/322.
  5. 125x78 =125-22/25x(-22) =103/-550 =98/-50 =9750.
  6. 124x81 =124-19/24x(-19) =105/-456 =101/-56 =100/44 =10



अब निम्नलिखित संख्याओं के गुणनफल ज्ञात कीजिये ----

1. 65 x 103       (हल देखने के लिए details पर click करें )




=103-35 / -35 x +03   =68/ -105 =67 /-05  =66 /95 =6695 

2. 98 x 89





3. 995 x 992




=995-008/ -005 x -008  =987/040 =987040

4. 78 x 55





5. 999999x999898




=999999-000102/(-000001)x(-000102) =999897/000102 =999897000102



अब आते हैं 'उप-आधार' के निकट के संख्याओं का इस विधि से गुणन पर.

10,20,30,40,50 ...ये सब 10 के गुणज(multiple) हैं.
10,20,50 ये सब 100 के गुणनखंड(factor) हैं.
200,   100 का गुणज भी है और 1000 का गुणनखंड भी है.

ऊपर ये जो गुणज और गुणनखंड हैं वह अपने  संगत आधार संख्या से बने उप -आधार हैं.


52 x 53=
यहाँ पर दोनों संख्या 50 के निकट हैं. इसे दो तरह से बना सकते हैं --
50 को 10 का गुणज(10x5) मानते हुए.
  • 52 और 53,  50 से क्रमशः +2 और +3 विचलन पर हैं.
  • इसलिए दायाँ पक्ष होगा -- +2 x +3 =6  (06 नहीं ).
  • बायाँ पक्ष होगा -- 52 +3 या 53+2 या 50+(2+3) =55.किन्तु 50 आधार 10 का पाँच गुणा है इसलिए   55x 5 =275 
  • अतः गुणनफल = 275/6  =2756.
50 को 100 का गुणनखंड (100/2=50) मानते हुए.
  •  52 और 53, 50 से क्रमशः +02 और +03 विचलन पर हैं.
  • इसलिए दायाँ पक्ष -- +02 x +03 = 06 (केवल 6 नहीं ) 
  • बायाँ पक्ष -- 55. किन्तु 50, आधार 100 का आधा (1/2) है.इसलिए 55/2 = 27 + 1/2 
  • याद कीजिये की जब कभी दाएं तरफ ऋणात्मक आता था तब बाएं से 1 निकलकर दाएं जाता था 1x 100 (=100)  बनकर. (यदि आधार 100 हो तो ). 
  • इसी तरह 1/2 (पूर्ण संख्या न होने के कारण) 1/2 x 100 (=50) बनकर दाएं जायेगा.
  • अतः गुणनफल = (27 + 1/2)/06  = 27/(50 +06 ) =27 /56 =2756.


49 x 55 =
  • उपाधार = 50 (=100/2).
  • उपाधार से विचलन -1 और +5.
  • दायाँ पक्ष-- -1 x +5 = -05 (केवल -5 नहीं).
  • बायाँ पक्ष -- 49+5 या 55 -1 =54. किन्तु उपाधार  50, आधार 100 का आधा (1/2) है.इसलिए  54/2 =27.
  • अतः गुणनफल =27/ -05 =26/95.  


49 x 54 = 
  • उपाधार = 50 (=100/2).
  • विचलन  -1 और +4 
  • दायाँ पक्ष --  -1 x 4 = -04.
  • बायाँ पक्ष -- 49+4 या 54-1 =53. किन्तु आधा करने पर, 26 + 1/2. अतः गुणनफल = (26+ 1/2)/ -04  =26/(50-04) =26/46. =2646.
  • ध्यान दीजिये यहाँ पर 04 का पूरक लिखने की आवश्यकता नहीं पड़ी (जैसा कि  पिछले  में) क्योंकि 1/2 ने ही इसे ऋणात्मक से धनात्मक बना दिया.

541x502= 541+02/41x2 =543/82  =271582.(नीचे देखें)
  • अगर हमने इसे 100 के गुणज के रूप में मानें तो दायाँ पक्ष ठीक है और बायाँ  पक्ष को 5 गुना करना होगा. इसलिए 2715 /82 =271582 .
  • अगर इसे 1000 के उपगुणज मानें तो  दायाँ पक्ष  082 होगा और बायाँ पक्ष को दो से भाग देना होगा.इसलिए  271 +1/2 /082 =271/500+82 =271/582  =271582.




इस सूत्र की सहायता से सभी संख्याओं का गुणा  नहीं किया जा सकता है किन्तु कुछ संख्याओं के साथ अवश्य ही किया जा सकता है. कुछ अन्य उदाहरण देखें -----

103 x 204 =103x (100+104) =103x100 +103x104 =10300 +10712 =21012.
 9998 x 10002 =9998+2/ -0002x0002  =10000/-0004  =9999/9996  =99959984.   (ध्यान दीजिये -0004  का पूरक सीधे सूत्र से लिखेंगे.)






अतः आप अब इस सूत्र से परिचित हो चुके हैं और निखिलं विधि से गुणा करना भी सीख चुके हैं. अपने विवेक से आप अनेक स्थानों में इस विधि का प्रयोग कर सकते हैं.



B.भाग करने में.

अब तक आप समझ चुके होंगे कि 'निखिलं' सूत्र का प्रयोग आधार संख्या  से संबंधित है. यहाँ पर यह सुनिश्चित करना होगा कि भाजक (divisor) आधार के निकट हो. 
**(इस विधि से उप-आधार के निकट के संख्या से भी भाग दिया जा सकता है).  

अतः भाजक(divisor), आधार संख्या के निकट  --

  • 10 के निकट:- 8 ,9.
  • 100 के निकट:-72, 73,74,84,87,97,98 इत्यादि.
  • 1000 के निकट :- 7988, 8888,8989,9989 इत्यादि. 
  • 8999998 , 9999987 , ..........  इत्यादि.
  हो सकता है. यहाँ ध्यान दें कि प्रत्येक (भाजक) संख्या, आधार से कम है.

**यह भाग (division)की  एक विशेष स्थिति(special case) है इस विधि से सभी 'भाग' करना सरल नहीं है.

**आधार से अधिक के भाजक (101,105,111,इत्यादि ) से भाग देने के लिए 'परावर्त्य योजयेत् ' सूत्र का प्रयोग करते हैं.

पहले विस्तार से सीखेंगे उसके बाद देखेंगे कि एक बार में कैसे बनाया जा सकता है.
1 . 1245/ 99  =   
चरण (step)-1 

  • सबसे पहले भाजक (divisor;यहाँ 99 ) का  पूरक लिखेंगे (99 का पूरक 01 है).
  • भाज्य (dividend ;यहाँ 1245) में से, दाएँ(right) से गिनते हुए उतने अंक अलग कर लीजिये जितना शून्य (zero) आधार में होगा (यहाँ आधार 100 है). 
  • 45 को अलग करें. 99 का पूरक (01), 99 के नीचे लिखें.
चरण-2 
1 को ज्यों का त्यों नीचे उतार दीजिये.



चरण-3 
नीचे उतारे गए 1 से, 0 और 1 गुणा करने पर क्रमशः 0 और 1ही  प्राप्त होगा. इस 0 और 1  को क्रमशः 2 और 4 के नीचे लिख दीजिये.
चरण-4
चरण-2 में हमने 1 को नीचे उतारा था अब 2 और 0 को जोड़कर नीचे उतारेंगे. (2+0 = 2).
*4 के नीचे वाले 1 को कुछ नहीं करना है.

चरण-5
अब हम चरण-3 के जैसे ही 2 से, 0 और 1 को गुणा करेंगे जिससे क्रमशः 0 और 2 प्राप्त होगा. इस 0 और 2 को क्रमशः 4 और 5 के नीचे लिख दीजिये.
चरण-6 

अंत में 4 और 5 के नीचे लिखी संख्याओं को जोड़ दीजिये. इस प्रकार (4+1+0=)5 और (5+2=)7 प्राप्त हुए.



यहाँ 12/57 में :- भागफल (quotient) = 12 और शेषफल (remainder) = 57  





2.  2136/98 =  

  • सबसे पहले 98 का पूरक 02 लिखिए.  2136 में से 3 6 अलग कर लीजिये.
  • अब 2 को ज्यों का त्यों नीचे उतार दीजिए.
  • (नीचे लिखे हुए) 2 को 0 और 2 से गुणा करने पर क्रमशः 0 और 4 प्राप्त होगा. इस 0 और 4 को क्रमशः 1 और 3 के नीचे लिखें
  • पुनः 1 और 0 को जोड़कर नीचे उतार दें. (1+0 =1)
  • (नीचे लिखे हुए )1 को 0 और 2 से गुणा करने पर क्रमशः 0 और 2 ही प्राप्त होगा. इस 0 और 2 को क्रमशः 3 और 6 के नीचे लिखिए.
  • अंत में (3+4+0 =7 ) और (6+2 =8 ) को नीचे लिखने पर  21/78  प्राप्त होता है.
  • इस प्रकार भागफल(quotient) =21 और शेषफल(remainder) =78. 

3. 10101/88= 

  • 88 का पूरक 12 लिखिए, 10101 में से दाएं के दो अंक अलग कर लीजिये (क्यों? -क्योंकि 88 का आधार 100 में दो शून्य हैं).
  • 1 को ज्यों का त्यों नीचे उतार दीजिये, इस 1 से 1 और 2 में गुणा करके क्रमशः 1 और 2 ही प्राप्त होता है. प्राप्त हुए संख्या (1 और 2) को क्रमशः 0 और 1  के नीचे लिखेंगे.
  • अब 0 और 1 को जोड़कर नीचे उतार दें.(0+1 =1). इस 1 से फिर से 1 और 2 में गुणा करके क्रमशः  1 और 2 ही प्राप्त होगा जिसे चित्र में दिखाए अनुसार लिखेंगे. 
  • अब 1+2+1 =4 नीचे उतार दें. इस 4 से 1 और 2 में गुणा करके क्रमशः 4 और 8 प्राप्त होता है जिसको चित्र में दिखाए अनुसार लिखेंगे.
  • अंत में 0+2+4 =6 और 1+8 =9 लिख दीजिये.
  • इस प्रकार 114/69 प्राप्त होता है जिसमे Q=114 और R =69.
**हमने 1 और 2 कहा ,न  कि बारह(12), अर्थात इसे दो अलग-अलग अंक मानकर ही भाग करना है. 
    **ध्यान दें:-  हमने भाज्य (dividend) को दो भागों में बाँटा है. जैसे 10101/88 में  10101 को 101/01 लिखा है. इस 101 में अंकों की संख्या है 'तीन' (1,0,1,). इसलिए हल करते समय तीन पंक्तियाँ  बनी है.
          जबकि 2136/98 में 21/36 बाँटा गया है जिसमे 21 में अंकों की संख्या दो है ,इसलिए हल करते समय दो ही पंक्तियाँ बनी है. (उदाहरण-2 देखें)  
    *इस जानकारी का प्रयोग आगे करेंगे.


    4. 111/73 
    • 73 का पूरक 27 है.
    • 111 में दो अंक अलग कर लिए. (क्योँ ?)
    • 1 को ज्यों का त्यों उतर लिया गया.
    • 1 को 2 और 7 से गुणा कर लिख दीजिये.
    • अंततः जोड़ने पर 1/38 प्राप्त हुआ अतः Q =1, R =38..

    5. 211/76 

    • यहाँ पर दो प्रकार से लिखा गया है (चित्र में).दोनों में  कुछ विशेष अंतर तो नहीं है, किन्तु दूसरा प्रकार हमें आगे सहायता करेगा.
    • स्वयं हल करने का प्रयास करें.
    • यहाँ एक बात ध्यान देने योग्य है कि-- 2/11 में बाएं ओर केवल एक अंक है इसलिए हल करते समय केवल एक ही पंक्ति बनेगा.इस प्रकार के छोटे हल बिना इतना लिखे भी प्राप्त कर सकते हैं.


    6. 212/77 
     इसमें स्पष्ट रूप में 2 और 3 के दोगुने को दायें ओर जोड़ दिया गया है. Q =2 और R =58.

    7.  282/77

    • Q =2. किन्तु R =128 या 128.
    •  यह थोड़ा अलग है, इसमें शेषफल(remainder) 128 आ रहा था जो कि 77 से बड़ा है.
    • लेकिन ऐसा तो गलत है.
    •  तो इसको हल करने के लिए एक और बार 128 को भी इसी विधि से भाग देकर नए भागफल(quotient) को पुराने वाले से जोड़ दीजिये. साथही शेषफल दूसरा वाला मान्य होगा.
    • इस प्रकार वास्तविक Q = 2+1 =3. और R =51.
    इसका एक सरल उपाय है (बंद आकृति में किये गए हल को देखिये) -
    • जैसा कि उदाहरण 5. में कहा गया था कि गणना मन में भी किया जा सकता है.
    • यहाँ 128 या (128) को भाग देने के क्रम में 1 को नीचे ज्यों का त्यों उतारना है तो अलग से लिखे बिना भी वहीं उतार दीजिये.
    • फिर सारी क्रियाएँ पहले जैसी ही , 1 से 2 और 3 में गुणा करके क्रमशः 2 और 3 प्राप्त होगा जिसे क्रमशः 2 और 8 के नीचे लिखिए.
    • अंत में सब को जोड़ दीजिये, 3/51 प्राप्त होगा. 
    • इस प्रकार Q =3 और R =51.

    8. 346/78 

    • सब कुछ सामान्य ही है.
    • शेषफल के लिए 4+6 =10 (या 10) और 6+6=12 (या 12). इस प्रकार शेषफल 1012 अर्थात 1/(0+1)/2 = 112 या 112.
    • सामान्य रूप से भी 46 + 66 =112 या 112.
    • 112 भाजक(divisor,78) से बड़ा है अतः भाग की क्रिया आगे भी चलेगी.
    • 1 को ज्यों का त्यों 3 के नीचे उतार दीजिये फिर इसी 1 से 2 और 2 में गुणा करके क्रमशः 2 और 2 ही प्राप्त होता है.  
    • अंत में जोड़ने पर 4/34 प्राप्त होता है. Q =4 R=34.


    [[[आगे बढ़ने से पहले -- रेखांक या शिरोरेखा (vinculum) के संबंध में जान लेना आवश्यक है.
    • संख्याओं के दशमलव प्रणाली में, 213 का मतलब होता है 200+10+3.
    •  589 =500+80+9.
    • 2346 =2000+300+40+6.
    इसी प्रकार वैदिक गणित में हम ऋणात्मक संख्या भी निरूपित करते हैं.
    • इन संख्याओं के अंक 5 से छोटे हैं जो गणना(calculation) के समय सहायक बन जाते हैं.
    • इन संख्याओं में अंक धनात्मक (+ve)और ऋणात्मक(-ve) दोनों हैं 
    • तो चिन्हों से संबधित नियम सामान्य रूप से प्रयोग होते हैं जैसे: गुणा में  (+)x(+) =(+); (-)x(-) =(+); (+)x(-) =(-)x(+) =(-)   इसी प्रकार जोड़-घटाव के भी नियम लागू होते है.  
    **यहाँ एक बात पर  ध्यान देने की आवश्यकता है कि रेखांक (vinculum) ज्ञात करने के लिए 'निखिलं' सूत्र का ही प्रयोग करना है.
    जैसे - 867 में अंत वाले अंक (अर्थात 7) को 10 में से घटाना है शेष सभी अंको(अर्थात 8,6) को 9 में से घटाना है.ओर फिर सबसे बाएं में कोई धनात्मक संख्या बचे तो उसमे एक जोड़ दें ,अथवा यदि कोई धनात्मक संख्या न बचे तो 0 मानकर उसमें  1जोड़ दें. 
    इस प्रकार सरलता से 867 =1133  (इसमें 1,3,3 तीनों ऋणात्मक हैं). और सबसे पहले का 1 स्वयं ही लगा दिया है. ]]]


    9. 11001/88 


    • सभी क्रियाएँ पहले की ही तरह सामान्य हैं.
    • इसमें 124/89 प्राप्त होता अर्थात R =89 जोकि 88 से बड़ा है.
    • इसलिए पुनः भाग करना होगा किन्तु 89 में तो दो ही अंक हैं और हमें तो दो अंक अलग करना है(क्योंकि भाजक88 काआधार 100 है जिसमें दो शून्य है). 
    • इसलिए 89 = 111 (जहाँ1= -1)
    • अंत में (-1+1 =0); (-1 +2 =1)
    • इस प्रकार Q =125 ,R =1 .


    10. 9789/87 =
    •  इसमें शेषफल के स्थान पर 567 आ रहा था जिसे 633 (जहाँ 3 = -3) लिखा गया है.
    • अंत में (-3 +7 =4) और  (-3 +8 =5) 
    • इस प्रकार Q =112 ,R =45. 
    • **6 को 1और 3 से गुणा करने पर क्रमशः 6 और 18 आएगा. इस प्रकार 618 =6+1/8 =78. इतना न किये बिना 13x6 =78 भी एक बार में लिख सकते हैं क्योंकि इससे उत्तर में कोई अंतर नहीं आता.




    • इस प्रश्न को पहले ही प्रवर्तित कर के आसानी बना सकते हैं.
    • 1 को जो का त्यों उतार दिया गया है.
    • इस 1 से 1और 3 गुणा करने पर क्रमशः 1 और 3 ही आता है. चित्र में लिखे अनुसार लिखिए.
    • फिर 0+1 =1 को निचे उतार दीजिये, इस 1 से पुनः 1 और 3 ही  प्राप्त होगा जिसे चित्रानुसार लिखिए.
    • अब (-2+3+1 =2) इस 2 को उतार दीजिये. फिर इस 2 से 1 और 3 में गुणा करने पर क्रमशः 2 और 6 प्राप्त होता है.
    • अंत में जोड़ने पर, (-1+3+2 =4) और (-1+6 =5) प्राप्त होता है.
    • इस प्रकार Q =112 ,R =45. 

    आप स्वयं प्रयास करें--
    1.  12345/8888 = 
    2.  111/89 =
    3. 12321/8897 = 
    4. 10102/899 =
    5. 210012/8997 =
    6. 111/73 =
    7. 225/9=
    8. 20137/9819 =
    9. 1245/99 =
    10. 480/8 = 

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